पीएसएलवी-सी-51 के जरिए छात्रों की ओर से निर्मित पांच उपग्रह भी भेजे गए हैं

By भाषा | Updated: February 28, 2021 17:18 IST2021-02-28T17:18:03+5:302021-02-28T17:18:03+5:30

Five satellites manufactured by students have also been sent through PSLV-C-51. | पीएसएलवी-सी-51 के जरिए छात्रों की ओर से निर्मित पांच उपग्रह भी भेजे गए हैं

पीएसएलवी-सी-51 के जरिए छात्रों की ओर से निर्मित पांच उपग्रह भी भेजे गए हैं

बेंगलुरु, 28 फरवरी भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों का रविवार को यहां श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया गया। इनमें से पांच उपग्रह छात्र निर्मित हैं।

इन छोटे उपग्रहों में चेन्नई स्थित स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा निर्मित ‘सतीश धवन सैटेलाइट (एसडीसैट) भी शामिल है जो कि तीन उपग्रहों ‘यूनिटीसैट’ और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह ‘सिंधूनेत्र’ का संयोजन है।

तीन उपग्रहों (यूनिटीसैट) को जेप्पियार इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, श्रीपेरम्बदूर (जेआईटीसैट), जी एच रायसोनी कालेज आफ इंजीनियरिंग, नागपुर (जीएचआरसीईसैट) और श्री शक्ति इंटीट्टयूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयम्बटूर (श्री शक्ति सैट) के बीच संयुक्त विकास के तहत डिजाइन एवं निर्मित किया गया है।

बेंगलुरु-मुख्यालय में इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि ‘यूनिटीसैट का उद्देश्य रेडियो रिले सेवाएं प्रदान करना है।’’

एसडीसैट एक नैनो उपग्रह है जिसका उद्देश्य विकिरण स्तर / अंतरिक्ष मौसम का अध्ययन करना और लंबी दूरी की संचार प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करना है।

सिंधुनेत्र को बेंगलुरु स्थित पीईएस विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा विकसित किया गया है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के हिस्से, रिसर्च सेंटर इमरत द्वारा 2.2 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘डीआरडीओ द्वारा यह परियोजना उपग्रह इमेजिंग के माध्यम से संदिग्ध जहाजों की पहचान करने में मदद करेगी।

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Web Title: Five satellites manufactured by students have also been sent through PSLV-C-51.

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