मैसुरुः कर्नाटक के मैसुरु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पार्षद पहली बार महापौर बनी है। शहर में सत्तारूढ़ कांग्रेस और जनता दल (एस) के गठबंधन के टूटने के बाद भाजपा की पार्षद सुनंदा पलनेथरा महापौर निर्वाचित हुईं।
मैसुरु नगर निगम के 64 सदस्यों में से भाजपा के 22, कांग्रेस के 19, जद (एस) के 17 और बहुजन समाज पार्टी का एक पार्षद है जबकि पांच निर्दलीय हैं। राज्य में 2019 में कांग्रेस जद(एस) सरकार गिरने के बाद भी शहर में दोनों पार्टियों का गठबंधन जारी था। भाजपा ने पलनेथरा को उतारा, कांग्रेस की उम्मीदवार शांता कुमारी थीं।
जद (एस) मतदान से दूर रही। भाजपा प्रत्याशी पलनेथरा को 26 और कांग्रेस उम्मीदवार कुमारी को 22 वोट मिले। इलेक्टोरल कॉलेज में से शहर से भाजपा के दो विधायकों और एक सांसद ने भी पलनेथरा को अपना मत दिया। सूत्रों के मुताबिक, माना जाता है कि एक निर्दलीय पार्षद ने भी उनके पक्ष में वोट दिया है।
उन्होंने बताया कि महापौर के तौर पर पलनेथरा का कार्यकाल सिर्फ छह महीने का होगा। पुलनेथरा ने पत्रकारों से कहा, “मैं जीत से बेहद खुश हूं और मैं मैसुरु के सभी पार्षदों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और लोगों का आभार व्यक्त करती हूं। मैं मैसुरु की बेहतरी के लिए सब कुछ करूंगी।”
मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, मैसुरु के सांसद प्रताप सिम्हा, जिला प्रभारी मंत्री एस टी सोमशेखर और विधायक एस ए रामदास और नागेंद्र ने पलनेथरा को बधाई दी। नवनिर्वाचित महापौर को बधाई देते हुए बोम्मई ने कहा, "वर्षों की मेहनत के बाद मैसुरु को भाजपा का महापौर मिला है। मैं सुनंदा पलनेथरा को बधाई देता हूं। मैं सभी पार्षदों, सांसद, विधायक, मैसुरु के प्रभारी मंत्री एस टी सोमशेखर को बधाई देता हूं।"
येदियुरप्पा ने ट्वीटर पर कहा, '‘भाजपा को महापौर का पद मिलना इस बात का पुख्ता संकेत है कि पार्टी की जड़ें और मजबूत हो रही रही हैं।” मैसुरु नगर निगम का गठन 1983 में हुआ था तब से भाजपा का कोई भी पार्षद महापौर नहीं बन पाया था।