छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का शुक्रवार को रायपुर में निधन हो गया। वह लगभग 20 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। 74 वर्षीय जोगी ने शुक्रवार को दोपहर बाद 3.30 बजे रायपुर स्थित श्री नारायणा अस्पताल अंतिम सांस ली।
अजीत जोगी के निधन के बाद उनके बेटे अजीत जोगी ने ट्वीट कर दुख व्यक्त किया और कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। उन्होंने कहा कि आज उनके साथ छत्तीसगढ़ ने भी अपना पिता खो दिया है।
ढाई करोड़ लोगों के परिवार को छोड़ गए
अजीत जोगी ने ट्वीट में लिखा, "वेदना की इस घड़ी में मैं निशब्द हूं। परम पिता परमेश्वर माननीय अजीत जोगी जी की आत्मा को शांति और हम सबको शक्ति दे। उनका अंतिम संस्कार उनकी जन्मभूमि गौरेला में कल होगा।"
अमित ने आगे लिखा, "20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं, अपना पिता खोया है। माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर, ईश्वर के पास चले गए। गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे बहुत दूर चला गया।"
साल 2000 में बने थे छत्तीसगढ़ के पहले सीएम
बिलासपुर के पेंड्रा में जन्मे अजीत ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा ज्वॉइन की और मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आ गए। भारतीय प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए अजीत जोगी वर्तमान में मारवाही क्षेत्र से विधायक थे।
अजीत जोगी साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के दौरान 1 नवंबर 2000 को राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने और साल 2003 तक मुख्यमंत्री रहे। राज्य में साल 2003 में हुए विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी से पराजित हो गई थी। राज्य में कांग्रेस नेताओं से मतभेद के चलते जोगी ने साल 2016 में नयी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन कर लिया था और वह उसके प्रमुख थे।