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आर्थिक मंदी के आहट के बीच छह सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन, इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये निवेश

By संतोष ठाकुर | Updated: September 8, 2019 09:04 IST

इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए आर्थिक रियायतों का मार्ग सुझाने का कार्य भी इसके पास ही होगा. यह विभिन्न प्रोजेक्ट की राशि को नियंत्रित रखने के अलावा उन्हें समय पर पूरा करने को लेकर भी सुझाव देगी. 

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ठळक मुद्देटास्क फोर्स जो भी नया प्रोजेक्ट स्वीकृत करेगी, उसे अगले 100 सालों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2022 तक सभी को घर देनी की महत्वाकांक्षी परियोजना की दिशा में भी यह टास्क फोर्स काम करेगी.

आर्थिक सुस्ती के बीच सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और इस क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से गठित इस टास्क फोर्स में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के अलावा चार अन्य सदस्य होंगे.

ये सदस्य आर्थिक मामलों के विभाग के साथ ही अन्य संबंधित मंत्रालयों से शामिल किए जाएंगे. यह वित्त वर्ष 2019-20 के लिए चिह्नित इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लेकर अपनी रपट 31 अक्तूबर तक देगी.

वहीं, वित्त वर्ष 2021-25 के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य को लेकर दिसंबर अंत तक रिपोर्ट सौंपेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने भाषण में भी देश के सामाजिक और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश का इरादा जताया था.

उसके मद्देनजर सीतारमण ने हाल ही में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित करने का संकेत दिया था.

टास्क फोर्स का ऐलान ऐसे समय किया गया जब देश में आर्थिक सुस्ती पिछले छह साल में सबसे अधिक महसूस की जा रही है.

ऐसे में समुचित कार्ययोजना प्रस्तुत करना उसकी बड़ी जिम्मेदारी होगी. टास्क फोर्स देश में सड़क, रेल, एयरपोर्ट का संजाल बिछाने से संबंधित रपट देने के साथ ही पहले से मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर को आगामी पांच साल में अगले स्तर पर ले जाने के लिए भी सलाह देगी.

यह उन प्रोजेक्ट की समीक्षा करेगी जो तकनीकी रूप से सही हो और आर्थिक रूप से क्रि यान्वित की जा सके. साथ ही यह भी बताएगी कि उनके लिए पैसा कहां से हासिल होगा और निजी क्षेत्र के साथ किस तरह की भागीदारी की जा सकती है.

इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए आर्थिक रियायतों का मार्ग सुझाने का कार्य भी इसके पास ही होगा. यह विभिन्न प्रोजेक्ट की राशि को नियंत्रित रखने के अलावा उन्हें समय पर पूरा करने को लेकर भी सुझाव देगी. 

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे भी प्राथमिकता में :

एक अधिकारी ने बताया कि भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की ओर से घोषित दिल्ली-मुंबई के बीच नया एक्सप्रेस हाईवे, अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन, राष्ट्रीय राजमार्गों को चार से छह और छह से आठ लेन करने, जल मार्ग विकसित करने, उड़ान योजना के लिए एयरपोर्ट शुरू करने जैसे कार्य उसकी सूची में शामिल होगी.

इनके अलावा ट्रेनों के लिए अलग विशेषीकृत माल ढुलाई गलियारा बनाने, मुंबई सब-अर्बन को बेहतरीन बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार करना इस टास्क फोर्स की प्राथमिकता रहेगी.

नए मेडिकल कॉलेज, उच्च शिक्षण संस्थानों के निर्माण के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2022 तक सभी को घर देनी की महत्वाकांक्षी परियोजना की दिशा में भी यह टास्क फोर्स काम करेगी.

ग्रीन और ब्राउन फील्ड दोनों तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना भी इसका दायित्व रहेगा. टास्क फोर्स जो भी नया प्रोजेक्ट स्वीकृत करेगी, उसे अगले 100 सालों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा.

टॅग्स :इकॉनोमीनिर्मला सीतारमणमोदी
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