Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में पहुंचने के बावजूद अधिक वजन होने के कारण पदक से वंचित रहने वाली विनेश फोगाट को आखिरकार गोल्ड मेडल मिल ही गया। विनेश शनिवार, 17 अगस्त को भारत वापस लौटीं। जब वह अपने गृहनगर बलाली पहुँचीं तो उनके स्वागत सम्मान में हजारों लोग सड़कों पर खड़े थे।
फोगाट को उनके पैतृक गांव बलाली में एक अनोखे और भावपूर्ण समारोह में सम्मानित किया गया। भले ही उन्होंने पेरिस में ओलंपिक स्वर्ण पदक नहीं जीता, लेकिन उनके गांव के बुजुर्गों ने उन्हें प्रतीकात्मक स्वर्ण पदक देकर यह सुनिश्चित किया कि वह एक सच्ची चैंपियन की तरह महसूस करें।
इस स्नेह के प्रदर्शन से स्पष्ट रूप से अभिभूत फोगट ने कहा कि उन्हें जो स्वागत मिला वह किसी भी खेल जीत की खुशी से कहीं बढ़कर था। अपने लोगों से मिले समर्थन से गदगद विनेश ने कहा कि यह स्वागत 1000 ओलंपिक पदक जीतने से भी बेहतर है।
बता दें कि विनेश फोगट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था। लेकिन 29 वर्षीय पहलवान को महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल फाइनल की सुबह अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने भी बाद में विनेश की अपील ठुकरा दी और अयोग्यता के खिलाफ फोगट की अपील को खारिज कर दिया। इससे ओलंपिक रजत पदक हासिल करने की उनकी उम्मीदें पूरी तरह धराशायी हो गईं।
हालांकि भारत आने के बाद उनका शानदार स्वागत हुआ। फोगाट के भाई हरिंदर पुनिया ने कहा कि सभी लोग उनको हौसला देने के लिए आगे आ रहे हैं। वो पदक नहीं जीत सकी लेकिन इससे हमारा हौसला कम नहीं हुआ है और निश्चित रूप से ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतेंगे। फोगाट की मां प्रेम लता ने कहा कि सब इंतजार कर रहे हैं...मेरी बेटी चैंपियन है...देश ने उसे स्वर्ण पदक से भी ज्यादा सम्मान दिया है।