लाइव न्यूज़ :

फिल्म सामाजिक, नैतिक संदेश की वाहक होनी चाहिए :उपराष्ट्रपति नायडू

By भाषा | Updated: October 25, 2021 18:53 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर उपराष्ट्रपति एम वैंकैया नायडू ने सोमवार को 67 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में कहा कि एक अच्छी फिल्म मन-मस्तिष्क को छू सकती है और कलाकारों को इस शक्ति का उपयोग समाज की भलाई के लिए करना चाहिए।

यहां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि सिनेमा को इस कठिन समय में दर्शकों का ढाढ़स बंधाना चाहिए और हिंसा तथा अश्लीलता से मुक्त रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘एक अच्छी फिल्म मन-मस्तिष्क को छू सकती है। और फिल्म निर्माताओं व कलाकारों को इस शक्ति का उपयोग लोगों तथा समाज की भलाई के लिए करना चाहिए। सिनेमा को सकारात्मकता और खुशियां लानी चाहिए। हमें ऐसा सिनेमा बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो मनोरंजक हो, हमें ढाढ़स बंधाये, कुछ संदेश दे, हमारा तनाव घटाए और हमें सकारात्मक तरीके से सोचने के लिए प्रेरित करे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सकारात्मकता समय की आवश्यकता है। बाधा डालने वाले नहीं, रचनात्मक बनें। फिल्म को सामाजिक और नैतिक संदेश का वाहक होन चाहिए। फिल्मों को हिंसा और अश्लीलता दिखाने से दूर रहना चाहिए।’’

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सिनेमा उद्योग को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जो हमारी महान संस्कृति, परंपरा, मूल्यों, हमारी महान सभ्यता के लोकाचार को कमजोर करता हो। उन्हें बाहरी दुनिया को वास्तविक भारत दिखाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय फिल्म उद्योग ने विभिन्न भाषाओं में अपनी स्वयं की एक पहचान बनाई है। मेरा मानना है कि सिनेमा की अपनी स्वयं की भाषा है जो सांस्कृतिक एवं क्षेत्रीय सीमाओं से पार जाती है। हम भारतीय फिल्म उद्योग की सफलता का जश्न मनाते हैं क्योंकि यह हमें मनोरंजन, प्रबोधन और प्रोत्साहन देता है।’’

उन्होंने फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं से अपनी प्रतिभा का उपयोग लोगों व समाज की भलाई के लिए करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सिनेमा को सकारात्मकता और खुशियां लानी चाहिए।

नायडू ने सिनेमा को मनोरंजन का सबसे सस्ता माध्यम बताते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति रंगमंच नहीं भी जाता है तो भी फिल्म लोगों तक पहुंचने का माध्यम है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय फिल्म उद्योग की विविधता अतुलनीय है। इसलिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय विविधता को प्रदर्शित करता है। ’’

उन्होंने संचार के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से सही सूचना का प्रसार करने की भी अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे क्षेत्रीय फिल्में देखना अच्छा लगता है। में उन्हें राष्ट्रीय फिल्म कहता हूं क्योंकि सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

क्रिकेटIND Vs SA 3rd ODI: क्या कोहली मार सकते हैं लगातार तीसरा शतक? विराट के विजाग रिकॉर्ड ने फैंस की उम्मीदों को बढ़ाया

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...