चारा घोटाला: लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में पांच साल जेल की सजा, 60 लाख जुर्माना भी भरना होगा
By विनीत कुमार | Published: February 21, 2022 02:04 PM2022-02-21T14:04:29+5:302022-02-21T14:28:26+5:30
Fifth fodder scam case: लालू यादव को चारा घोटाला से जुड़े पांचवें मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 60 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। पिछले हफ्ते उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था।
रांची: चारा घोटाला के पांचवें मामले में दोषी करार दिए गए लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही 60 लाख रुपये जुर्माना भी कोर्ट ने लालू पर लगाया है। यह मामला रांची के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा है। पिछले हफ्ते कोर्ट ने लालू समेत 75 लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया था।
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी बहुचर्चित 950 करोड़ के चारा घोटाले से जुड़ा पांचवां और आखिरी मामला है, जिसमें लालू यादव अभियुक्त बनाए गए थे। लालू इससे पहले चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में पहले ही दोषी करार दिए जा चुके हैं और सजा काट रहे हैं। रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 29 जनवरी को लालू प्रसाद से जुड़े डोरंडा कोषागार गबन मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी।
Fifth fodder scam case | CBI court in Ranchi sentences RJD leader Lalu Prasad Yadav to 5 years' imprisonment and imposes Rs 60 Lakh fine on him. pic.twitter.com/413701Rt5W
— ANI (@ANI) February 21, 2022
विशेष सीबीआई के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत ने लालू प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी। मामले में 24 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं।
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते साल 1990 से 1995 के बीच बिहार के सरकारी खजाने से पशु चारा के नाम पर 950 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। इसका खुलासा 1996 में हुआ, जिसके दायरे में लालू भी आ गए थे। इस घोटाले के समय बिहार और झारखंड एक ही राज्य थे।
चारा घोटाले में गबन के मामलों में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पहली बार 30 जुलाई, 1997 को जेल गए और तब वह 134 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे। चारा घोटाले में 30 सितंबर, 2013 को पहली बार चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ रुपये गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया और जेल भेजा। बाद में अदालत ने तीन अक्टूबर को उन्हें पांच वर्ष कैद और दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।