राहुल गांधी इस्तीफा: भाई के कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने पर प्रियंका ने कहा-ऐसा करने का साहस सिर्फ कुछ ही लोगों के पास

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 4, 2019 09:10 IST2019-07-04T09:08:26+5:302019-07-04T09:10:50+5:30

बुधवार को लोकसभा चुनाव के बाद से अपने इस्तीफे को लेकर एक महीने से बनी असमंजस की स्थिति पर पूर्णविराम लगाते हुए राहुल गांधी ने त्यागपत्र की औपचारिक घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि पार्टी के ‘भविष्य के विकास’ के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है। 

"Few Have The Courage": Priyanka Gandhi On Brother Rahul's Resignation congress president | राहुल गांधी इस्तीफा: भाई के कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने पर प्रियंका ने कहा-ऐसा करने का साहस सिर्फ कुछ ही लोगों के पास

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कड़े फैसलों की जरूरत है"

Highlights 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी।‘‘कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 2019 के चुनाव की हार की जिम्मेदारी मेरी है-राहुल गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने भाई और वायनाड से सांसद राहुल गांधी के इस्तीफे पर ट्वीट किया है। प्रियंका ने कहा, जैसा आपने किया है, उसे करने का साहस केवल कुछ लोगों के पास ही होता है। आपके फैसला का हम बेहद सम्मान करते हैं। बुधवार को लोकसभा चुनाव के बाद से अपने इस्तीफे को लेकर एक महीने से बनी असमंजस की स्थिति पर पूर्णविराम लगाते हुए राहुल गांधी ने त्यागपत्र की औपचारिक घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि पार्टी के ‘भविष्य के विकास’ के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है। 

चुनावी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) को यह सुझाव भी दिया कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए एक समूह गठित किया जाए क्योंकि उनके लिए यह उपयुक्त नहीं है कि वह इस प्रक्रिया में शामिल हों।  इस बीच, सूत्रों का कहना है कि सीडब्ल्यूसी की ओर से इस्तीफा स्वीकार किए जाने और नए अध्यक्ष चुने जाने तक गांधी पद पर बने रहेंगे। 



 

अंतिम सांस तक पार्टी के लिए करूंगा काम

गांधी ने चार पृष्ठों के खुले पत्र के जरिए इस्तीफे की सार्वजनिक घोषणा करने के साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस उनकी रग-रग में है और भारत के संविधान पर हमले के खिलाफ लड़ाई से खुद को अलग नहीं कर रहे हैं तथा अंतिम सांस तक पार्टी एवं देश के लिए काम करते रहेंगे। चुनावी हार के लिए जवाबदेही को अहम करार देते हुए गांधी ने इस बात पर जोर भी दिया कि कांग्रेस में ‘मौलिक रूप से बदलाव’ की जरूरत है।

हार की जिम्मेदारी मेरी

गांधी ने कहा, ‘‘मेरे लिए कांग्रेस की सेवा करना सम्मान की बात है जिसके मूल्यों और आदर्शों ने हमारे सुंदर राष्ट्र की जीवनदायिनी के रूप में सेवा की है। मैं कृतज्ञता और असीम प्यार के लिए देश और अपने संगठन का कर्जदार रहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 2019 के चुनाव की हार की जिम्मेदारी मेरी है। हमारी पार्टी के भविष्य के विकास के लिए जवाबदेही होना महत्वपूर्ण है। इसी कारण से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।’’ 

पार्टी को खड़ा करने के लिए कड़े फैसलों की जरूरत

गांधी ने कहा, ‘‘पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कड़े फैसलों की जरूरत है और 2019 के चुनाव की विफलता के लिए कई लोगों को जवाबदेह होना होगा। यह उपयुक्त नहीं होता कि मैं दूसरों को जवाबदेह ठहरा देता, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर देता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कई साथियों ने सुझाव दिया कि मैं अगले कांग्रेस अध्यक्ष को नामित कर दूं। यह महत्वपूर्ण है कि कोई दूसरा हमारी पार्टी का नेतृत्व करे, लेकिन यह मेरे लिए उपयुक्त नहीं है कि मैं उस व्यक्ति का चयन करूं।’’

गांधी ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी का गौरवशाली इतिहास और विरासत है। मैं इसके संघर्ष और गरिमा का बहुत सम्मान करता हूं। यह भारत के तानेबाने में समाहित है और मुझे विश्वास है कि पार्टी ऐसे व्यक्ति के बारे में बेहतरीन फैसला करेगी जो साहस, प्रेम और ईमानदारी के साथ नेतृत्व कर सके।’’ 

मेरी लड़ाई राजनीतिक सत्ता के लिए नहीं

उन्होंने कहा, ‘‘इस्तीफा देने के तत्काल बाद मैंने कांग्रेस कार्य समिति में अपने साथियों को सुझाव दिया कि नए अध्यक्ष को चुनने का काम आरंभ करने के लिए लोगों का एक समूह बनाया जाए। मैंने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा और इस प्रक्रिया एवं सहज बदलाव के लिए अपना पूरा सहयोग देने का वादा किया।’’ गांधी ने कहा, ‘‘मेरी लड़ाई राजनीतिक सत्ता के लिए कभी नहीं रही है। भाजपा के प्रति मेरी कोई घृणा या आक्रोश नहीं है, लेकिन मेरी रग-रग में भारत का विचार है।’’

25 मई को दिया था इस्तीफा

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सिर्फ 52 सीटों पर सिमट जाने के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे पर अड़े हुए थे। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया था कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें। 

Web Title: "Few Have The Courage": Priyanka Gandhi On Brother Rahul's Resignation congress president

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