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कानूनी शिक्षा के पुरोधा व आधुनिक विधि शिक्षा के जनक एन आर माधव मेनन नहीं रहे

By भाषा | Updated: May 8, 2019 18:51 IST

नीलकांत रामकृष्ण माधव मेनन का जन्म 1935 में हुआ था। केरल विश्वविद्यालय से उन्होंने बीएससी और बीएल की डिेग्री हासिल की। इससे बाद 1956 में 21 वर्ष की आयु में ही उन्होंने केरल उच्च न्यायालय में वकील के तौर खुद को पंजीकृत करा लिया था।

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ठळक मुद्देराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। कोविंद ने कहा, ‘‘उनके परिवार और उनके असंख्य छात्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’ केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मेनन ने देश में कानूनी शिक्षा क्षेत्र को एक नई दिशा दी। 

भारत में आधुनिक विधि शिक्षा के जनक एन आर माधव मेनन का यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। परिवार से जुड़े सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पद्मश्री से सम्मानित मेनन 84 साल के थे। मेनन के परिवार में पत्नी और एक बेटा है।

परिवार के एक करीबी सूत्र ने कहा, ‘‘उम्र संबंधी समस्याओं के कारण वह पिछले एक सप्ताह से यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे उनका निधन हो गया।’’ सरकारी शवदाह गृह शांति कवदम में बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

नीलकांत रामकृष्ण माधव मेनन का जन्म 1935 में हुआ था। केरल विश्वविद्यालय से उन्होंने बीएससी और बीएल की डिेग्री हासिल की। इससे बाद 1956 में 21 वर्ष की आयु में ही उन्होंने केरल उच्च न्यायालय में वकील के तौर खुद को पंजीकृत करा लिया था। पंजाब विश्वविद्यालय से एमए और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एलएलएम और पीएचडी करने के बाद मेनन ने अध्यापन का कार्य शुरू किया और 1960 में एएमयू में फैकल्टी के तौर पर शामिल हुए।

वर्ष 1965 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय का रुख किया और प्रतिष्ठित कैम्पस लॉ सेंटर का नेतृत्व भी किया। 1986 में वह बार काउन्सिल ऑफ इंडिया के निमंत्रण पर एनएलएसआईयू स्थापित करने के लिये बेंगलुरू चले गए और 12 साल तक उसके संस्थापक कुलपति रहे।

बाद में दिवंगत ज्योति बसु की अगुवाई वाली तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें कोलकाता में भी एनएलएसआईयू की तरह का ही विधि स्कूल स्थापित करने के लिये उन्हें कोलकाता आमंत्रित किया। मेनन भोपाल की राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के संस्थापक निदेशक भी थे।

‘इंटरनेशनल बार एसोसिएशन’ ने 1994 में उन्हें ‘लीविंग लेजेंड ऑफ लॉ अवार्ड’ से सम्मानित भी किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। कोविंद ने कहा, ‘‘उनके परिवार और उनके असंख्य छात्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’

केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम ने बताया कि मेनन के निधन से उन्हें ‘गहरा दुख’ हुआ है जिनके व्यावहारिक विचारों ने भारत में विधि शिक्षा का आधुनिकीकरण किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मेनन ने देश में कानूनी शिक्षा क्षेत्र को एक नई दिशा दी। 

टॅग्स :केरलरामनाथ कोविंद
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