फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी, नेशनल कांफ्रेंस ने इसे ‘‘दमकनकारी कृत्य’’ करार दिया,  लोकतंत्र पर दूसरा हमला कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 18, 2019 05:44 PM2019-09-18T17:44:33+5:302019-09-18T17:44:33+5:30

नेशनल कांफ्रेंस के मुख्यालय शेर-ए-कश्मीर भवन से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश के पांच बार के मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं देश के बड़े नेताओं में शामिल मौजूदा सांसद अब्दुल्ला के खिलाफ जन सुरक्षा कानून लगाने से सत्तारूढ़ सरकार के राजनीतिक दिवालियापन की गिरावट और क्या हो सकती है? यह बयान नेकां के 58 से अधिक नेताओं ने जारी किया है।

Farooq Abdullah's detention, National Conference calls it "blatant act", second attack on democracy | फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी, नेशनल कांफ्रेंस ने इसे ‘‘दमकनकारी कृत्य’’ करार दिया,  लोकतंत्र पर दूसरा हमला कहा

मौजूदा सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों के प्रतिनिधियों की आवाज को दबा नहीं सकती है। 

Highlightsदुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र की लोकतांत्रिक राजनीति और संस्कृति पर यह एक और हमला है। मौजूदा सरकार की समझ की कमी और इसकी असंवेदनशीलता बारे में बताती है जिसने राज्य को अप्रत्याशित संकट में धकेल दिया है।

पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की जन सुरक्षा अधिनियम के तहत नजरबंदी की कड़ी निंदा करते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने इसे ‘‘दमकनकारी कृत्य’’ करार दिया और कहा कि दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र की लोकतांत्रिक राजनीति और संस्कृति पर यह एक और हमला है।

नेशनल कांफ्रेंस के मुख्यालय शेर-ए-कश्मीर भवन से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश के पांच बार के मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं देश के बड़े नेताओं में शामिल मौजूदा सांसद अब्दुल्ला के खिलाफ जन सुरक्षा कानून लगाने से सत्तारूढ़ सरकार के राजनीतिक दिवालियापन की गिरावट और क्या हो सकती है? यह बयान नेकां के 58 से अधिक नेताओं ने जारी किया है।

इनमें से कुछ पूर्व विधायक और जम्मू क्षेत्र के मंत्री भी शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि वरिष्ठ दूरदर्शी नेता की हिरासत, जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस खत्म करने के बाद की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के कारण सरकार की हताशा को दर्शाता है।

इसमें कहा गया है कि 44 दिनों से अधिक समय से पूरे राज्य में राजनीतिक नेताओं की निरंतर नजरबंदी मौजूदा सरकार की समझ की कमी और इसकी असंवेदनशीलता बारे में बताती है जिसने राज्य को अप्रत्याशित संकट में धकेल दिया है। नेकां नेताओं ने कहा कि "अलोकतांत्रिक, अनैतिक और असंवैधानिक उपायों" का सहारा लेते हुए, मौजूदा सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों के प्रतिनिधियों की आवाज को दबा नहीं सकती है। 

Web Title: Farooq Abdullah's detention, National Conference calls it "blatant act", second attack on democracy

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