नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जम्म-कश्मीर को मेरी जरूरत है।
अब्दुल्ला ने कहा, मैं भारत के राष्ट्रपति के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम विचार से वापस लेता हूं। मेरा मानना है कि जम्मू और कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और इन अनिश्चित समय को नेविगेट करने में मदद करने के लिए मेरे प्रयासों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मेरे आगे बहुत अधिक सक्रिय राजनीति है और मैं जम्मू-कश्मीर और देश की सेवा में सकारात्मक योगदान देने के लिए तत्पर हूं। मेरा नाम प्रस्तावित करने के लिए मैं ममता दीदी का आभारी हूं। मैं उन सभी वरिष्ठ नेताओं का भी आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया।
विपक्षी दलों की बैठक में ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के नाम का प्रस्ताव रखा था। इसके अलावा महात्मा गांधी के पोते गोपाल गांधी का भी नाम सुझाया गया था। हालांकि इससे पहले विपक्षी खेमा पहले शरद पवार को चुनाव मैदान में उतारने का इच्छुक था। लेकिन जीत पर संशय देख पवार ने खुद को रेस से अलग कर लिया। उसके बाद दूसरे नामों पर चर्चा शुरू की गई।