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किसान आंदोलन खत्म, हम सभी के लिए खुशी की बात, संतुष्ट होकर घर जा रहे हैं किसान भाई, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान बोले

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 9, 2021 18:55 IST

एसकेएम ने बुधवार को कहा था कि वह अपनी लंबित मांगों पर केंद्र के संशोधित मसौदा प्रस्ताव को लेकर आम सहमति पर पहुंच गया है।

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ठळक मुद्दे11 दिसंबर को अपने-अपने स्थानों पर विजय मार्च निकालेंगे।किसान 11 दिसंबर से दिल्ली की सीमा को खाली करना शुरू कर देंगे।तीनों कृषि कानून वापस लिए जा चुके हैं।

नई दिल्लीः आंदोलन करने वाले 40 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से जारी प्रदर्शन को बृहस्पतिवार को स्थगित करने का फैसला किया।

घोषणा की है कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं वाले विरोध स्थलों से घर लौट जाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि वे 15 जनवरी को यह देखने के लिए फिर बैठक करेंगे कि क्या सरकार ने उनकी मांगों को पूरा किया है। आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को केंद्र सरकार द्वारा हस्ताक्षरित पत्र मिलने के बाद यह घोषणा हुई है।

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने किसान संघों के प्रदर्शन स्थगित करने के फैसले का स्वागत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इससे भारतीय जनता पार्टी को केंद्र तथा राज्य दोनों में पार्टी की सरकारों द्वारा किए गए कामों को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपना एजेंडा तय करने में मदद मिलेगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को किसानों का प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा की,लेकिन किसान नेता गुरनाम सिंह चडूनी ने आगाह किया कि अगर उनकी मांगें 15 जनवरी तक पूरी नहीं की जाती हैं तो वे प्रदर्शन बहाल करने का फैसला ले सकते हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जाट समुदाय से भाजपा के प्रमुख नेता बालियान ने कहा कि पार्टी की स्थिति में सुधार आएगा क्योंकि ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए कदमों से संतुष्ट होकर ’’ किसान घर लौट रहे हैं। उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘यह न केवल मेरे लिए बल्कि हम सभी के लिए खुशी की बात है और वे सरकार के कदमों से संतुष्ट होकर घर जा रहे हैं।’’

यह पूछे जाने पर कि तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने का केंद्र का फैसला आगामी चुनावों को देखते हुए लिया गया है, इस पर बालियान ने कहा कि राजनीतिक दल हमेशा चुनावों की चिंता करते हैं लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि ‘‘हमारे किसान भाई संतुष्ट होकर घर लौट रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा अच्छी स्थिति में है और इसमें अब सुधार आएगा। गांवों में लोग हमसे किसानों के आंदोलन के बारे में पूछते थे। अब हम अपने मुद्दों और केंद्र तथा उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा किए गए काम के बारे में बात कर सकते हैं।’’

पत्र में किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर एक समिति बनाने सहित उनकी लंबित मांगों पर विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की गई। किसान नेता और एसकेएम कोर कमेटी के सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह अंत नहीं है क्योंकि आंदोलन अभी स्थगित हुआ है। हमने 15 जनवरी को फिर से मिलने का फैसला किया है।’’

किसान नेता और एसकेएम के सदस्य गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ‘‘सरकार ने सभी मांगों को पूरा किया है या नहीं, यह देखने के लिए 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक बुलाई जाएगी। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम धरना फिर से शुरू करने पर फैसला ले सकते हैं।’’

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