नई दिल्ली: किसान नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि पहलवानों के विरोध के मुद्दे पर अंतिम फैसला कल हरियाणा में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। हरियाणा के किसान और खाप पहलवानों को समर्थन दे रहे हैं। टिकैत ने साफ कर दिया कि कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने मुजफ्फरनगर में कहा, "जरूरत पड़ी तो हम भारत के राष्ट्रपति के पास जाएंगे...हम आपके साथ हैं, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।"
उन्होंने कहा, "मैंने उनसे कहा कि गंगा में पदक मत विसर्जित करो, उन्हें नीलामी के लिए रख दो। पूरी दुनिया आगे आएगी और आपसे नीलामी बंद करने के लिए कहेगी। किसान और खाप पहलवानों को समर्थन क्यों दे रहे हैं, इस सवाल पर टिकैत ने कहा, "परिवार बड़ा हो तो अच्छा है।" उन्होंने बैठक में शामिल किसानों से कहा, "आपको समझना चाहिए कि केंद्र सरकार क्या कर रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने बिहार में लालू यादव के परिवार को तोड़ दिया। देखिए उन्होंने मुलायम सिंह यादव के परिवार के साथ क्या किया। राजस्थान में भी यही हो रहा है।" पहलवान अपने मेडल गंगा में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। लेकिन टिकैत और खाप नेताओं के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार वह पीछे हट गए।
पहलवान जनवरी से ही भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने एक नाबालिग सहित सात एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दावा किया है कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो कोई भी सजा स्वीकार करेंगे।
उन्होंने कहा, "अगर मुझ पर एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी लगा लूंगा। अगर आपके (पहलवानों) पास कोई सबूत है तो उसे कोर्ट में पेश कीजिए और मैं कोई भी सजा स्वीकार करने को तैयार हूं।"