फर्जी टीकाकरण शिविर गिरोह : नौवीं प्राथमिकी दर्ज
By भाषा | Updated: June 30, 2021 21:43 IST2021-06-30T21:43:19+5:302021-06-30T21:43:19+5:30

फर्जी टीकाकरण शिविर गिरोह : नौवीं प्राथमिकी दर्ज
मुंबई, 30 जून मुंबई में एक हीरा कंपनी के 600 से अधिक कर्मियों के लिए फर्जी कोविड-19 शिविर लगाने के मामले में मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इस महीने सामने आये इस फर्जी टीकाकरण गिरोह के संबंध में यह नौवीं प्राथमिकी है। मामले में मुख्य आरोपी डॉ मनीष त्रिपाठी समेत अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों से संबद्ध होने का दावा करने वाले गिरोह ने बड़ी आवासीय सोसाइटी और निजी कंपनियों में कथित रूप से अनधिकृत और फर्जी टीकाकरण शिविर लगाया था।
शहर की इंटर कांटिनेंटल डायमंड कंपनी ने हाल में गिरोह के खिलाफ उसके 618 कर्मियों के लिए ऐसे ही शिविर का आयोजन कर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज करायी थी। शिकायत के अनुसार डॉ मनीष त्रिपाठी, डॉ अनुराग करीम और रोशनी पटेल ने 23, 24 और 28 अप्रैल को कांदीवली (पूर्व) उपनगर में कंपनी के कर्मियों के लिए शिविर का आयोजन किया था। समता नगर पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 308 (गैर इरातन हत्या का प्रयास), 420 (ठगी) और 120-बी (साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
पहली शिकायत हीरानंदानी हेरिटेज रेजिडेंट्स वेलफेयर एससोसिएशन ने दर्ज करायी थी जिसने पाया कि एक निजी अस्पताल के नाम पर आयोजित टीकाकरण शिविर में हिस्सा लेने वाले उसके निवासियों का नाम कोविन पोर्टल पर दर्ज नहीं है और टीके की खुराक लेने के बाद किसी में भी टीका लेने के बाद के लक्षण नहीं दिखे जिससे संदेह पैदा हुआ कि क्या उन्होंने सही टीका लिया है। ऐसी ही शिकायतें वर्सोवा, खार, बोरीवली और भोईवाड़ा में भी पुलिस थानों में दर्ज की गयी हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।