विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ‘शीत कार्रवाई योजना’ की सराहना की

By भाषा | Updated: October 4, 2021 20:46 IST2021-10-04T20:46:43+5:302021-10-04T20:46:43+5:30

Experts laud Delhi government's 'cold action plan' to tackle air pollution | विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ‘शीत कार्रवाई योजना’ की सराहना की

विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ‘शीत कार्रवाई योजना’ की सराहना की

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर पर्यावरण विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 10-सूत्री कार्य योजना का स्वागत किया, लेकिन वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक समग्र और दीर्घकालिक समाधान अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

हर साल सर्दियों में, दिल्ली में लोगों को उत्तरी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पराली जलाने के कारण वायु प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ता है।

केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दस सूत्री ‘‘ शीत कार्रवाई योजना’’ की सोमवार को घोषणा की, जिसमें धूल को नियंत्रित करना ,पूसा के जैव अपघटक का इस्तेमाल और स्मॉग टावर लगाना जैसे उपाय शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने पड़ोसी राज्यों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नयी प्रौद्योगिकी वाले थर्मल बिजली संयंत्र लगाने, सीएनजी से चलने वाले वाहन और इलाके के उद्योगों में स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने की भी अपील की।

‘ग्रीनपीस इंडिया’ के जलवायु प्रचारक अविनाश चंचल ने कहा कि वायु प्रदूषण संकट को सिर्फ मौसमी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और कार्य योजना दीर्घकालिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हर सर्दियों में, दिल्ली में मौसम संबंधी परिवर्तनों और परिवहन, अपशिष्ट, उद्योग आदि जैसे कारणों और पराली जलाने जैसी प्रासंगिक घटनाओं के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में भारी वृद्धि देखी जाती है, लेकिन हमें इस संकट को मौसमी या सिर्फ सर्दियों के संकट के रूप में नहीं देखना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर पूरे वर्ष राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों से लगातार ऊपर बना हुआ है। चंचल ने पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के प्रयासों की सराहना की, लेकिन कहा कि समाधान मूल कारण का होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार को सर्दियों के वायु प्रदूषण संकट के लिए तैयारी करते हुए देखना अच्छा है, लेकिन उसे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक समग्र और दीर्घकालिक समाधान भी अपनाना चाहिए।’’

अपनी कार्य योजना के लिए शहर सरकार की सराहना करते हुए, भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर के सहायक प्रोफेसर वी विनोज ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है लेकिन कार्य योजनाओं को क्षेत्रीय रूप से लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार की ओर से एक अच्छा कदम है। हालांकि, दिल्ली में वायु गुणवत्ता स्थानीय और क्षेत्रीय उत्सर्जन के मिश्रण का परिणाम है।’’

ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) की कार्यक्रम प्रमुख तनुश्री गांगुली के अनुसार, दिल्ली के शहरी गरीबों को अपनी आवश्यकताओं के लिए बायोमास का उपयोग करने के विकल्पों तक पहुंच होनी चाहिए जो वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं।

एक वैश्विक विशेषज्ञ सलाहकार फर्म ‘ऑक्टस ईएसजी एलएलपी’ की संस्थापक और प्रबंध निदेशक नमिता विकास ने सरकार की कार्य योजना में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों के साथ ऐसे उपाय अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, दिल्ली की 10-सूत्री योजना से शहर में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी, विशेष रूप से सर्दियों की शुरुआत में।’’

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दावा किया कि केन्द्र और पड़ोसी राज्यों ने किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। पराली जलाना सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। उन्होंने वायु को स्वच्छ बनाने में सरकारों से मिलकर काम करने की अपील की।

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Web Title: Experts laud Delhi government's 'cold action plan' to tackle air pollution

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