देश में हर तीसरा बच्चा कुपोषण का शिकार, कई राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में स्थिति कुछ बेहतर
By नितिन अग्रवाल | Updated: October 21, 2020 07:19 IST2020-10-21T07:19:12+5:302020-10-21T07:19:12+5:30
महाराष्ट्र में 44% बच्चे कुपोषित हैं. राज्य के चार वर्ष से छोटे बच्चों में से 34.1% ठिगनेपन व 30.9% सामान्य से कम वजन के हैं. कुपोषण से जंग मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए बाल विकास सेवा स्कीम चलाई जाती है.

महाराष्ट्र में कई राज्यों की तुलना में स्थिति कुछ बेहतर जरूर है.
नई दिल्ली: देश में हर तीसरा बच्चा किसी न किसी रूप में कुपोषण का शिकार है. कुपोषण का असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ रहा है. बच्चे इसके चलते ठिगने व कम वजन का शिकार हो रहे हैं. हालांकि मोदी सरकार में तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण में तेजी से कमी हुई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कुपोषण के चलते वर्ष 2015-16 में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में से लगभग 36% अल्पवजनी थे और 38.5% बच्चों ठिगनेपन का शिकार थे.
हालांकि 2016-17 में अल्पवजनी औार ठिगनेपन के शिकार बच्चों की तादाद घटकर क्र मश: 33.4% व 34.7% रह गई. महाराष्ट्र में 44% बच्चे कुपोषित मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के साथ प्रधानमंत्री के अपने गृह राज्य गुजरात में भी बच्चों में कुपोषण का स्तर राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है. हालांकि महाराष्ट्र में कई राज्यों की तुलना में स्थिति कुछ बेहतर जरूर है.
महाराष्ट्र में 44% बच्चे कुपोषित हैं. राज्य के चार वर्ष से छोटे बच्चों में से 34.1% ठिगनेपन व 30.9% सामान्य से कम वजन के हैं. कुपोषण से जंग मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए बाल विकास सेवा स्कीम चलाई जाती है. जिसके तहत आंगनवाड़ी सेवा, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना और किशोरियों कि लिए पोषण स्कीम चलाई जाती है. इसके अतिरिक्त बच्चों, किशोरियों, गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण के लिए भी प्रौद्योगिकी और जन आंदोलन के जरिये पोषण अभियान शुरू किए गए हैं.
राज्यों में बच्चों में कुपोषण राज्य ठिगनापन अल्पवजनी बिहार 42 38.7 मध्यप्रदेश 39.5 38.7 गुजरात 39.1 34.2 उत्तरप्रदेश 38.8 36.8 राजस्थान 36.8 31.5 झारखंड 36.2 42.9 छत्तीसगढ़ 35.4 40 महाराष्ट्र 34.1 30.9 कर्नाटक 32.5 32 आंध्रप्रदेश 31.5 35.5 अखिल भारतीय 34.7 33.4