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राजीव गांधी का अपमान किए बिना भी, मेजर ध्यानचंद को सम्मानित कर सकती थी केन्द्र सरकार : शिवसेना

By वैशाली कुमारी | Updated: August 9, 2021 14:45 IST

शिवसेना ने केंद्र पर "राजनीतिक खेल" में शामिल होने का आरोप भी लगाया। शिवसेना ने कहा, ध्यानचंद के नाम पर एक बड़े पुरस्कार की घोषणा की जा सकती थी।

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ठळक मुद्देशिवसेना ने कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार राजीव गांधी का नाम मिटाकर 'नफरत की राजनीति' कर रही हैशिवसेना ने गुजरात के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर भी निशाना साधा

शिवसेना ने कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने के बजाय, हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद के नाम पर अलग पुरस्कार की घोषणा की जा सकती थी। शिवसेना ने कहा कि मेजर ध्यानचंद को "राजीव गांधी के बलिदान का अपमान किए बिना" सम्मानित किया जा सकता था। इसके साथ ही शिवसेना ने केंद्र पर "राजनीतिक खेल" में शामिल होने का आरोप भी लगाया। शिवसेना ने कहा, "ध्यानचंद के नाम पर एक बड़े पुरस्कार की घोषणा की जा सकती थी,अगर ऐसा होता तो मोदी सरकार की सराहना की जाती।"

'पूर्व प्रधानमंत्री का इस तरह अपमान न करे सरकार' 

शिवसेना ने कहा कि देश की प्रगति में अहम योगदान देने वाले दो पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का बलिदान इस तरह मजाक नहीं बनाया जा सकता है। आतंकवादियों ने इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी। राजीव गांधी भी आतंकवादी हमले में मारे गए थे। लोकतंत्र में मतभेदों के लिए जगह है, लेकिन देश की प्रगति में योगदान देने वाले प्रधानमंत्रियों का बलिदान मजाक का विषय नहीं बन सकता।

'देश की भावना नहीं, नाम बदलना सिर्फ बदले की भावना' 

शिवसेना ने कहा, "राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के रूप में नामित करना एक राजनीतिक 'खेल' है, न कि जनता की भावना। भारत ने उस परंपरा और संस्कृति को खो दिया है, और आज ध्यानचंद भी ऐसा ही महसूस कर रहे होंगे।' 

शिवसेना ने "नरेन्द्र मोदी स्टेडियम " पर भी साधा निशाना 

शिवसेना ने गुजरात के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखने को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर भी निशाना साधा। शिवसेना ने कहा, अब बीजेपी के राजनीतिक खिलाड़ी कह रहे हैं कि 'क्या राजीव गांधी ने कभी हॉकी स्टिक हाथ में पकड़ी थी?' उनका सवाल जायज है, लेकिन अगर अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी कर दिया गया, तो क्या उन्होंने क्रिकेट में ऐसी कोई उपलब्धि हासिल की थी? या दिल्ली के स्टेडियम का नाम अरुण जेटली के नाम पर रखा। क्या यही नियम वहां भी लागू किया जा सकता है।

'केन्द्र सरकार ने ओलंपिक बजट में की 300 करोड़ रुपये की कटौती' 

शिवसेना ने कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार राजीव गांधी का नाम मिटाकर 'नफरत की राजनीति' कर रही है। शिवसेना ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अब टोक्यो ओलंपिक में भारत की ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रही है, लेकिन उसी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में "ओलंपिक के बजट में लगभग 300 करोड़ रुपये की कटौती की"। सरकार ने पिछले कुछ सालों में हाकी खेलों के प्रायोजन ही छोड़ दिया। इसके बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक महिला और पुरुष दोनों हॉकी संघ की जिम्मेदारी उठाने के लिए आगे आये।

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