यूरोपियन मेडिसन्स एजेंसी (ईएमए) ने कहा है कि वर्तमान में स्वीकृत COVID-19 टीकों पर ओमीक्रॉन संस्करण के प्रभाव को समझने के लिए अधिक जानकारी की आवश्यकता है। ईमए ने कहा कि प्रारंभिक आंकड़ों से संकेत मिलता है कि टीके अभी भी गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से प्रभावी सुरक्षा प्रदान करते हैं। हालांकि एजेंसी ने कहा कि अत्यधिक संक्रामक संस्करण के प्रभाव को समझने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है।
ईएमए के टीके रणनीति के प्रमुख, मार्को कैवेलरी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि छोटे अंतराल के भीतर बार-बार टीकाकरण एक स्थायी दीर्घकालिक रणनीति का प्रतिनिधित्व नहीं करेगा। कैवेलरी ने कहा कि कोविड-19 के ओमीक्रॉन वैरिएंट के पूरे महाद्वीप में फैलने से महामारी एंडेमिक की ओर बढ़ रही है। इसमें मनुष्य इसके साथ रह सकता है। एजेंसी ने कहा कि फिलहाल कोविड-19 एक महामारी (पैनडेमिक) ही है। एजेंसी ने कहा कि कोई नहीं जानता इसका अंत कब होगा लेकिन हम अंत तक पहुंचेंगे।
उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक तकनीकी निकाय ने मंगलवार को कहा कि भविष्य के किसी भी बूस्टर अभियान को वायरस के नए रूपों को ध्यान में रखना चाहिए। विशेषज्ञों के समूह ने कहा कि प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ओमीक्रॉन और कोरोनावायरस के भविष्य के रूपों के खिलाफ टीकाकरण संरचना पर फिर से काम किया जाना चाहिए।
वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के महामारी विज्ञानी और अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश मुलियिल के अनुसार, भारत में ओमीक्रॉन के मौजूदा आंकड़े 'सच्चाई से बहुत दूर हैं'। उन्होंने कहा कि ओमीक्रॉन के 60-90 वास्तविक मामलों में से केवल 1 दर्ज हो रहा है जबकि कम व बगैर लक्षण वाले मामले काफी बढ़े हैं।