बिहार में बिजली उपभोक्ता हैं बेहाल, अभियंता से लेकर प्रबंध निदेशक तक हैं खुशहाल, उपभोक्ता पीस रहे हैं बदहाली की चक्की में
By एस पी सिन्हा | Updated: December 14, 2025 19:30 IST2025-12-14T19:30:36+5:302025-12-14T19:30:41+5:30
दक्षिण बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के उपभोक्ता गलत विपत्रों को लेकर परेशान हैं। लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नही है। हाल यह है कि निचले स्तर पर कार्यरत अभियंताओं और कर्मियों के मनमानेपन से उपभोक्ता त्रस्त हैं।

बिहार में बिजली उपभोक्ता हैं बेहाल, अभियंता से लेकर प्रबंध निदेशक तक हैं खुशहाल, उपभोक्ता पीस रहे हैं बदहाली की चक्की में
पटना: बिहार में बिजली उपभोक्ता बेहाल हैं तो अभियंता से लेकर प्रबंध निदेशक तक खुशहाल हैं। दक्षिण बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के उपभोक्ता गलत विपत्रों को लेकर परेशान हैं। लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नही है। हाल यह है कि निचले स्तर पर कार्यरत अभियंताओं और कर्मियों के मनमानेपन से उपभोक्ता त्रस्त हैं। ऐसे में उनके सामने सवाल यही उठ खड़ा होता है कि आखिर जाएं तो जाएं कहां? उपभोक्ता तो यह भी कहते मिल जाते हैं कि मोबाइल कंपनियों जैसी व्यवस्था अगर बिजली के लिए भी होती तो सेवा प्रदाता कंपनी बदलकर उपभोक्ता अपनी समस्याओं से छुटकारा पा लेते।
इसी कड़ी में बिहार के बांका जिले में बिजली विभाग की लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक उपभोक्ता को केवल दो एलईडी बल्ब जलाने पर 3.57 लाख रुपये का बिजली बिल भेजा गया। मामले में सुधार करने के बजाय विभाग ने उपभोक्ता का कनेक्शन काट दिया, जिससे उसके सामने और अधिक परेशानी खड़ी हो गई।
जयपुर के वंधा गांव निवासी बिजली उपभोक्ता जितेंद्र पंडित ने बताया कि अगस्त 2024 में उन्होंने अपना बिजली बिल जमा कर दिया था, जिसमें मात्र लगभग एक हजार रुपये बकाया थे। अगले महीने अचानक उनके नाम पर एक लाख रुपये से अधिक का बिल आ गया, और इसके बाद हर महीने बिल की राशि तेजी से बढ़ती चली गई।
जितेंद्र पंडित ने कहा कि उनके घर में अधिक बिजली उपकरण नहीं हैं और मीटर में किसी तरह की छेड़छाड़ की जानकारी उन्हें नहीं दी गई। बिल में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर उन्होंने चार बार आवेदन दिया, लेकिन विभाग ने न तो मीटर जांच कराई और न ही बिल सुधार की प्रक्रिया पूरी की।
उलटे, पिछले सोमवार को विभाग ने उनका बिजली कनेक्शन ही काट दिया। कनेक्शन कट जाने से उनका परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर है और मानसिक तनाव झेल रहा है। यह घटना बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और उपभोक्ता संरक्षण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
नियमों के अनुसार, विवादित बिल की जांच और निस्तारण तक उपभोक्ता की बिजली आपूर्ति बाधित नहीं की जानी चाहिए। बावजूद इसके, विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता दोहरी परेशानी झेल रहा है, भारी बिल और बिजली कटौती। यही स्थिति रजौन प्रखंड के रूपसा गांव निवासी गुलाबी मंडल का भी बिजली कनेक्शन बिजली कर्मियों ने काट दिया। उन्होंने जब इस बाबत कर्मियों से बात की तो उन्होंने उनसे चढावे स्वरूप प्रसाद की मांग की।
बताया जाता है कि जब गुलाबी मंडल ने ऐसा नही किया तो उसे बिजली चोरी के आरोप में फंसाने का धमकी दी गई। इस संबंध में गुलाबी मंडल ने एमडी, दक्षिण बिहार पावर होल्डिंग के एमडी महेन्द्र कुमार को लिखित शिकायत भी की। लेकिन एमडी के यहां से भी इस संबंध में अब तक कोई कार्रवाई नही की गई।
यह महज कुछ उदाहरण मात्र है। ऐसी स्थिति कमोबेश हर जिले की है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। लेकिन सवाल यह है कि उनकी फरियाद सुनेगा कौन?