नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनावी बांड को 'हफ्ता वसूली' कहे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल बाबा को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि जिसे वो 'हफ्ता वसूली' कह रहे हैं, उसके जरिये उन्हें 1,600 करोड़ रुपये कैसे मिले।
अमित शहा ने राहुल गांधी द्वारा चुनावी बॉन्ड स्कीम की आलोचना और उसे 'हफ्ता वसूली' कहने पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कांग्रेस नेता को किसी भी तरह का आरोप लगाने से पहले यह बचाना चाहिए कि उनकी पार्टी ने इस हफ्ता वसूली से किस प्रकार 1,600 करोड़ रुपये जुटाये हैं।
इसके साथ अमित शाह ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "हम दावा करते हैं कि चुनावी बॉन्ड स्कीम से मिला पैसा एक पारदर्शी दान है, लेकिन अगर राहुल गांधी इसे वसूली के रूप में लेबल करते हैं, उन्हें उसका विवरण देना चाहिए।"
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा कुछ अन्य पार्टियों की तरह अपने दानदाताओं की सूची का खुलासा करेगी। गृहमंत्री शाह ने जवाब दिया, "मैं आपको आश्वासन देता हूं, एक बार विवरण सामने आने के बाद हमें नहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया को जनता का सामना करना मुश्किल हो जाएगा।"
शाह ने कहा, "चुनावी बॉन्ड भारतीय राजनीति में काले धन के वर्चस्व को खत्म करने के लिए लाए गए थे। चुनावी बॉन्ड को काले धन को खत्म करने के लिए लाया गया था। अब यह योजना खत्म कर दी गई है और मुझे काले धन की वापसी का डर है।"
उन्होंने आगे कहा कि चुनावी बांड को खत्म करने के बजाय इसे लेकर सुधार होना चाहिए। शाह ने कहा, "मेरा मानना है कि इसे खत्म करने के बजाय सुधार होना चाहिए, लेकिन इसका कोई महत्व नहीं है, क्योंकि शीर्ष अदालत ने अपना फैसला दे दिया है और मैं इसका सम्मान करता हूं।"
भाजपा नेता ने कहा, "लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि चुनावी बॉन्ड ने राजनीति में काले धन को लगभग समाप्त कर दिया है। यही कारण है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विपक्षी गुट चुनावी बॉन्ड के खिलाफ था और वे चाहते थे कि काले धन की पुरानी प्रणाली एक बार फिर से राजनीति पर हावी हो जाए।"
मालूम हो कि चुनावी बॉन्ड योजना भारत में राजनीतिक दलों के लिए दानकर्ता की पहचान उजागर किए बिना धन प्राप्त करने का एक तरीका था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में एक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और एसबीआई को चुनावी बॉन्ड जारी करना तुरंत बंद करने का आदेश दिया।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के अनुपालन में यह भी कहा कि चुनाव आयोग एसबीआई से मिले चुनावी बॉन्ड के सारे विवरण अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करेगा।