चुनाव आयोग का बयान, मध्यप्रदेश सहित 4 राज्यों संग तेलंगाना में चुनाव सिर्फ अटकलबाजी

By पल्लवी कुमारी | Updated: September 29, 2018 21:01 IST2018-09-29T21:01:11+5:302018-09-29T21:01:11+5:30

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी राज्य में समय से पहले विधानसभा भंग होने के साथ ही चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभावी हो जायेगी और उस राज्य की कार्यवाहक सरकार नयी येाजनाओं की घोषणा नहीं कर सकती है।

Election Commission says assembly elections of Telangana reports are purely speculations | चुनाव आयोग का बयान, मध्यप्रदेश सहित 4 राज्यों संग तेलंगाना में चुनाव सिर्फ अटकलबाजी

चुनाव आयोग का बयान, मध्यप्रदेश सहित 4 राज्यों संग तेलंगाना में चुनाव सिर्फ अटकलबाजी

नई दिल्ली,  29 सितंबर: साल के आखिर में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ ही तेलंगाना विधानसभा चुनाव होने की खबरों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है। तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार ने कहा कि ये सारी खबरें सिर्फ कयासों पर अधारित है। गौरतलब है कि मीडिया में ऐसी खबरे आ रही थी कि राजस्थान समेत चार राज्यों के चुनाव के साथ ही तेलंगाना विधानसभा चुनाव होंगे। 

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार ने कहा, चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ तेलंगाना के भी चुनाव कराए जाने की खबर सिर्फ अटकलों और कयासों पर आधारित है। अभी  तेलंगाना में कोई चुनाव की खबर नहीं है और नाही किसी तरह की कोई तैयारियां की जा रही हैं।


चुनाव आयोग ने किया  स्पष्ट 

इधर चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी राज्य में समय से पहले विधानसभा भंग होने के साथ ही चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभावी हो जायेगी और उस राज्य की कार्यवाहक सरकार नयी येाजनाओं की घोषणा नहीं कर सकती है। कुछ सप्ताह पहले तेलंगाना में विधानसभा को निर्धारित कार्यकाल (जून 2019) पूरा होने से पहले ही भंग किये जाने के परिप्रेक्ष्य में आयोग का यह निर्णय महत्वपूर्ण है। इसके तहत तेलंगाना में भी आयोग द्वारा गुरुवार को यह स्थिति स्पष्ट किये जाने के साथ ही आचार संहिता लागू मानी जायेगी। 

उल्लेखनीय है कि सामान्य तौर पर चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम घोषित किये जाने के दिन से ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है। यह चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है। इस लिहाज से चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही किसी राज्य में आचार संहिता लागू होने का शायद पहला उदाहरण होगा। 

आयोग ने गुरुवार को इस मामले में व्यवस्था से जुड़े प्रश्न पर स्थिति को स्पष्ट करते हुये केन्द्रीय मंत्रिमंडलीय सचिवालय और सभी राज्यों के मुख्य सचिव को स्पष्टीकरण भेजा है। इसमें कहा गया है कि समय से पहले विधानसभा भंग होने पर संबद्ध राज्य की कार्यवाहक सरकार के अलावा केन्द्र सरकार भी उस राज्य से जुड़े मामलों में आचार संहिता से आबद्ध होगी।

आयोग ने आचार संहिता के प्रावाधानों का दिया हवाला

आयोग ने आचार संहिता के प्रावाधानों का हवाला देते हुये कहा है कि इस तरह की स्थिति में संहिता के भाग सात के अनुसार राज्य में विधानसभा भंग होने के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो जाती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है। ऐसे में राज्य की कार्यवाहक सरकार और केन्द्र सरकार संबद्ध राज्य के जुड़ी कोई नयी परियोजना की घोषणा नहीं कर सकेगी। 

आयोग ने कहा कि यह व्यवस्था उच्चतम न्यायालय के 1994 के उस फैसले के अनुरूप है जिसमें कार्यवाहक सरकार को सिर्फ सामान्य कामकाज करने का अधिकार होने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। ऐसी स्थिति में कार्यवाहक सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकती है।

आयोग ने स्पष्ट किया कि ऐसे में गैर आधिकारिक उद्देश्यों के लिये आधिकारिक संसाधनों का इस्तेमाल सहित अन्य प्रतिबंध कार्यवाहक सरकार और केन्द्र सरकार के मंत्रियों एवं अन्य अधिकारियों पर बाध्यकारी होंगे। 

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट)

Web Title: Election Commission says assembly elections of Telangana reports are purely speculations

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