लंदन ईवीएम हैकथॉन मामले पर चुनाव आयोग ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा है, 'हमारे संज्ञान में आया है कि लंदन में एक इवेंट में ऐसा दावा किया जा रहा है कि ईसीआई द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली EVM मशीनों में छेड़छाड़ की सकती है। ईसीआई इस मामले में कोई पार्टी नहीं बनना चाहती है। यह प्रायोजित चुनौती है और ईसीआई अपने दावे पर कायम है कि भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है।''
चुनाव आयोग ने यह भी कहा, इन ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में बहुत सख्त पर्यवेक्षण और सुरक्षा शर्तों के तहत किया जाता है। कठोर मानक संचालन प्रक्रियाएं 2010 में गठित तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति की देखरेख में बनाई गई है तो इसे हैक करना बहुत मुश्किल है।
वहीं, इस पूरे मामले पर ईसीआई ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा, 'भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम भारत इलेक्ट्रॉनिक ऐंड कॉर्पोरेशल ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा बेहद कड़े सुपरविजन में बनाई जाती है और इसे हैक करने का कोई सवाल भी पैदा नहीं है। ये अलग बात है कि हम इस बात पर विचार कर सकते हैं कि इस मामले में कोई कानूनी मदद ली जा सकती है या नहीं?
क्या है पूरा मामला
बता दें कि एक अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया है कि EVM को हैक किया जा सकता है। टाइम्स नाऊ के मुताबिक लंदन में चल रही हैकथॉन में इस साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया है कि बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की 2014 में हत्या बहुत हद तक इसी वजह से की गई थी। इस मामले के एक्सपर्ट सईद सूजा के मुताबिक मुंडे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक करने के बारे में जानकारी रखते थे, इसलिए उन्हें मार दिया गया। सूजा ने यह भी दावा किया है कि 2014 के आम चुनाव में भी ईवीएम में गड़बड़ी की गई थी। इस हैकथॉन में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी मौजूद थे।