ई-सत्यापन प्रणाली शुरू, मतदाता सूची को लेकर निर्वाचन आयोग अलर्ट, पंजीकृत मोबाइल पर आएगा ओटीपी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 24, 2025 21:32 IST2025-09-24T21:30:09+5:302025-09-24T21:32:16+5:30
अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसे मामले हो सकते हैं जिसमें नाम हटाने की मांग करने वाला व्यक्ति ऑनलाइन आपत्ति दर्ज कराते समय किसी और का नाम या फ़ोन नंबर दे दे। यह अतिरिक्त सुविधा इस प्रकार का दुरुपयोग रोकेगी।’’

सांकेतिक फोटो
नई दिल्लीः निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची से नाम हटाने की मांग के प्रावधान का दुरुपयोग रोकने के लिए एक ई-सत्यापन प्रक्रिया शुरू की है। मतदाता सूची से नाम हटाने की मांग करने या नाम शामिल करने पर आपत्ति दर्ज कराने वालों को उनके पंजीकृत मोबाइल फोन पर एक बार इस्तेमाल होने वाला पासवर्ड (ओटीपी) मिलेगा। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसे मामले हो सकते हैं जिसमें नाम हटाने की मांग करने वाला व्यक्ति ऑनलाइन आपत्ति दर्ज कराते समय किसी और का नाम या फ़ोन नंबर दे दे। यह अतिरिक्त सुविधा इस प्रकार का दुरुपयोग रोकेगी।’’
यह सुविधा एक सप्ताह पहले शुरू की गई थी और निर्वाचन अधिकारियों ने कहा था कि यह कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में नामों को हटाने के गलत प्रयासों की प्रतिक्रिया नहीं है। आयोग ने कहा कि यद्यपि निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता उस विशेष निर्वाचन क्षेत्र से किसी प्रविष्टि को हटाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म-7 भर सकता है,
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि फॉर्म-7 जमा करने मात्र से प्रविष्टि स्वतः ही हट जाएगी। आयोग ने कहा है कि आलंद में नाम हटाने के लिए फॉर्म-7 के जरिये 6,018 आवेदन ऑनलाइन जमा किए गए थे। उसने कहा है कि सत्यापन के बाद, केवल 24 आवेदन सही पाए गए, जबकि 5,994 आवेदन गलत पाए गए।
उसने कहा है कि तदनुसार, 24 आवेदन स्वीकार कर लिये गए और 5,994 गलत आवेदन खारिज कर दिये गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया कि उनके द्वारा मामला उठाए जाने के बाद ही निर्वाचन आयोग ने ‘‘वोट चोरी’’ पर रोक लगाई है।
उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार से पूछा कि वह आलंद में मतदाताओं के नाम ‘‘हटाने’’ के बारे में कर्नाटक सीआईडी को सबूत कब उपलब्ध कराएंगे। राहुल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल किया, ‘‘ज्ञानेश जी, हमने चोरी पकड़ी, तब आपको ताला लगाना याद आया- अब चोरों को भी पकड़ेंगे।’’ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी का इशारा ई-सत्यापन शुरू करने के निर्वाचन आयोग के कदम की ओर था, जिसके तहत वोट जोड़ने या हटाने के लिए फोन नंबर सत्यापन की आवश्यकता होगी।