ड्रग लेने वालों और कम मात्रा के साथ पाए जाने वालों को जेल भेजने से बचें: सामाजिक न्याय मंत्रालय
By विशाल कुमार | Published: October 24, 2021 08:37 AM2021-10-24T08:37:41+5:302021-10-24T08:42:46+5:30
कुछ दिनों पहले भेजे गए अपने सुझाव में मंत्रालय ने व्यक्तिगत उपभोग के लिए कम मात्रा में ड्रग्स पाए जाने को अपराध से मुक्त करने की मांग की है. इसने एनडीपीएस अधिनियम में संशोधन का सुझाव दिया है ताकि उन लोगों का इलाज किया जा सके जो ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं या पीड़ितों के रूप में उन पर निर्भर हैं.
नई दिल्ली: नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की समीक्षा करने के अपने सुझाव में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं और नशेड़ियों के लिए अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की सिफारिश करते हुए जेल भेजने से बचने के लिए कहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ दिनों पहले भेजे गए अपने सुझाव में मंत्रालय ने व्यक्तिगत उपभोग के लिए कम मात्रा में ड्रग्स पाए जाने को अपराध से मुक्त करने की मांग की है. इसने एनडीपीएस अधिनियम में संशोधन का सुझाव दिया है ताकि उन लोगों का इलाज किया जा सके जो ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं या पीड़ितों के रूप में उन पर निर्भर हैं, उन्हें नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए भेजा जाना चाहिए, न कि जेल की सजा दी जानी चाहिए.
पिछले महीने एनडीपीएस कानून का केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण राजस्व विभाग ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, एनसीबी और सीबीआई सहित कई मंत्रालयों और विभागों से उनकी आपत्तियों के साथ कानून में बदलाव का सुझाव भी मांगा था.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर अपना सुझाव दिया जो कहता है कि नशीली दवाओं के उपयोग का अपराधीकरण केवल धब्बा लगाने का काम करता है और समस्या को बढ़ा सकता है. बोर्ड संयुक्त राष्ट्र के ड्रग नियंत्रण सम्मेलनों के कार्यान्वयन के लिए एक स्वतंत्र, अर्ध-न्यायिक निकाय है.