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Draupadi Murmu Biography: निजी जीवन में सहा पहाड़ सा दुख, पति, दो बेटों, मां और भाई को खोया, कुछ ऐसी है मुर्मू के संघर्ष की कहानी

By रुस्तम राणा | Updated: July 21, 2022 20:57 IST

2000 से 2004 तक ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजद)-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं। उन्हें 2015 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वह 2021 तक इस पद पर रहीं। 

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ठळक मुद्देसाल 2015-2021 तक मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रहींसाल 2007 में ओडिशा विधानसभा सदस्य रहते हुए उन्हें मिला था नीलकंठ पुरस्कार

नई दिल्ली: द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। वे इस देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मात दी है। चमक दमक और प्रचार से दूर रहने वाली मुर्मू ब्रह्मकुमारियों की ध्यान तकनीकों की गहन अभ्यासी हैं। 

उन्होंने यह गहन अध्यात्म और चिंतन का दामन उस वक्त पकड़ा था, जब उन्होंने 2009 से लेकर 2015 तक की छह वर्षों की अवधि में अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया था। रायरंगपुर से ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ राजनीति के सोपान पर पहला पहला कदम रखा था। 

संताल आदिवासी समुदाय में जन्म लेने वाली मुर्मू 1997 में रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद बनाई गईं और 2000 से 2004 तक ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजद)-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं। उन्हें 2015 में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वह 2021 तक इस पद पर रहीं। 

20 जून, 1958 को जन्मीं मुर्मू राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं। विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर यदि वह जीत हासिल कर लेती हैं तो वह ऐसी राष्ट्रपति भी बनेंगी, जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है। झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, मुर्मू ने अपना समय रायरंगपुर में ध्यान चिंतन और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया। 

देश के सबसे दूरस्थ और अविकसित जिलों में से एक मयूरभंज की रहने वाली मुर्मू ने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और ओडिशा सरकार में सिंचाई तथा बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में नौकरी भी की। 

उन्होंने रायरंगपुर स्थित श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में मानद सहायक शिक्षक के रूप में भी काम किया। मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मुर्मू की बेटी इतिश्री ओडिशा के एक बैंक में काम करती हैं।

(इनपुट एजेंसी)

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