मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने पार्टी के एक धड़े के साथ भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में शामिल होने वाले अपने चचेरे भाई अजित पवार के बारे में कहा कि एनसीपी में अजित पवार की लड़ाई वैचारिक है लेकिन उनके अलग होने से परिवार की एकजुटता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने एनसीपी में हुए दो फाड़ के लिए सीधे तौर पर भाजपा को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि अजीत पवार के साथ पार्टी में हो रही लड़ाई "वैचारिक" है और बतौर परिवार के सदस्य वो आज भी शरद पवार के भतीजे हैं।
सुले ने अजित पवार के पार्टी छोड़ने पर कहा, "यह व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक है क्योंकि उनके साथ विचारधारा का टकराव है। मैंने अपना चुनाव भाजपा के खिलाफ लड़ा, इसलिए जब हमारी टीम का एक हिस्सा भाजपा के साथ जाने का निर्णय लेती है तो पार्टी में कई तरह का टकराव पैदा होता है।"
उन्होंने कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि मेरे लिए ये सिर्फ पार्टी का बंटवारा नहीं है बल्कि ये एक भावनात्मक विभाजन भी है। आख़िरकार, राजनीति नीतियों और विचारधाराओं पर ही होती है। यह कोई व्यावसायिक लेन-देन तो है नहीं कि मुझे आज यहा नौकरी करनी है और फिर उसे छोड़कर दूसरी जगह जाना है।"
एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी ने अजित पवार को लेकर कहा, "मुझे नहीं लगता कि उनके अलग होने का कोई विशेष कारण है और वे कोई आरोप भी नहीं लगा रहे हैं। हमारे और उनके बीच में सवाल सिर्फ यह है कि बीजेपी से हाथ मिलाया जाए या नहीं। पार्टी के कुछ सदस्य इससे सहमत थे, जबकि हम इससे सहमत नहीं थे। मुझे लगता है यही एकमात्र कारण था कि उन्होंने पार्टी छोड़ी।"