नई दिल्ली: भारत के भगौड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को डोमिनिका में अवैध एंट्री करने के मामले में राहत मिल गई है। दरअसल, चोकसी के खिलाफ दर्ज मामला अब वापस ले लिया गया है। चोकसी पिछले साल 23 मई को एंटीगुआ से लापता हो गया था और रहस्यमय तरीके से डोमिनिका में सामने आया था। पिछले साल जुलाई में डोमिनिका हाई कोर्ट से मेडिकल आधार पर जमानत मिलने के बाद वह वापस एंटीगुआ चला गया था।
चोकसी ने 'अवैध प्रवेश' के दावे के खिलाफ अपना मामला लड़ा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 23 मई को एंटीगुआ के जॉली हार्बर से एंटीगुआ और भारतीय की तरह दिखने वाले पुलिसकर्मियों द्वारा उसका अपहरण कर लिया गया था और एक नाव पर डोमिनिका लाया गया था। वह एक नागरिक के रूप में साल 2018 से एंटीगुआ में रह रहे हैं।
सीबीआई ने हाल ही में भगोड़े हीरा कारोबारी और उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स के खिलाफ इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (आईएफसीआई) से कथित तौर पर धोखाधड़ी करने का नया मामला दर्ज किया है। चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी पर मुंबई में ब्रैडी हाउस शाखा में अपने अधिकारियों को रिश्वत देकर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और विदेशी लेटर ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) का उपयोग करके कुल मिलाकर 13,500 करोड़ रुपए की पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को धोखा देने का आरोप है।
मेहुल चोकसी ने जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में भारत से भागने से पहले ही निवेश कार्यक्रम द्वारा नागरिकता का उपयोग करते हुए 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी, जबकि नीरव मोदी बार-बार जमानत से इनकार करने के बाद लंदन की जेल में बंद है और भारत के प्रत्यर्पण का चुनाव लड़ रहा है।