NMC विधेयक के विरोध में बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों को करना पड़ रहा है मुश्किलों का सामना

By एस पी सिन्हा | Published: August 3, 2019 06:35 PM2019-08-03T18:35:38+5:302019-08-03T18:35:38+5:30

एनएमसी बिल के विरोध में डाक्टरों की हडताल ने मरीजों की परेशानी बढा दी है. पहले पटना एम्स फिर पटना आईजीआईएमएस और अब पीएमसीएच के भी जूनियर डाक्टर स्ट्राईक पर चले गये हैं.

Doctors strike in Bihar, patients have to face difficulties in protest against NMC Bill | NMC विधेयक के विरोध में बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों को करना पड़ रहा है मुश्किलों का सामना

NMC विधेयक के विरोध में बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों को करना पड़ रहा है मुश्किलों का सामना

Highlightsवहीं, डीएमसीएच, दरभंगा के चिकित्सक शुक्रवार को हडताल में शामिल हुए. कांग्रेस ने डाक्टरों के आंदोलन का समर्थन किया है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि सरकार की मनसा सही नहीं है.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक के विरोध में आज पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के रेजिडेंट चिकित्सकों के भी शामिल हो जाने से बिहार के तीन बड़े अस्पतालों अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) और पीएमसीएच में स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप पड़ गई हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के ठप पड़ जाने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है. साथ ही अब इस मामले में बिहार में सियासत भी शुरू हो गई है.

एनएमसी बिल के विरोध में डाक्टरों की हडताल ने मरीजों की परेशानी बढा दी है. पहले पटना एम्स फिर पटना आईजीआईएमएस और अब पीएमसीएच के भी जूनियर डाक्टर स्ट्राईक पर चले गये हैं. पीएमसीएच में तो इमरजेंसी व्यवस्था को भी बाधित कर दिया गया है. 

जिसके कारण मरीजों का ईलाज भगवान भरोसे हो गया है. रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) की बिहार इकाई के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने यहां बताया कि राजधानी पटना के पीएमसीएच के रेजिडेंट चिकित्सकों ने एनएमसी के विरोध में जारी राष्ट्रव्यापी हडताल में आज शामिल हो गए. 

वहीं, डीएमसीएच, दरभंगा के चिकित्सक शुक्रवार को हडताल में शामिल हुए. उन्होंने बताया कि एम्स, पटना के रेजिडेंट चिकित्सक इस हडताल में गुरुवार को शाम पांच बजे शामिल हुए. पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के रेजिडेंट चिकित्सक भी हड़ताल पर थे, लेकिन बाद में मानवता के आधार पर हड़ताल वापस ले लिया. 

वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की बिहार इकाई के सचिव डॉ. ब्रजनंदन कुमार ने बताया कि वह आईएमए के निवार्चन आयुक्त एवं बिहार आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद के साथ कल शाम आईएमए कार्य समिति की होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. इसके बाद हीं कोई निर्णय लिया जायेगा. इसबीच, पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि चिकित्सकों की हडताल से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. 

वहीं, कांग्रेस ने डाक्टरों के आंदोलन का समर्थन किया है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि सरकार की मनसा सही नहीं है. अगर सरकार की मनसा सही होती तो हालात नहीं बिगडते. सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इस तरह के बिल ला रही है, जो न तो आमलोगों के हित में है और न ही डाक्टरों के हित में है. यही वजह है कि इसका विरोध हो रहा है, जो आमलोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है.

इधर, जदयू ने अप्रत्यक्ष तौर पर डाक्टरों की नाराजगी को सही ठहराया है. जदयू प्रवक्ता डॉ सुनील ने कहा है कि एनएमसी बिल सही है. एमसीआई में बढते भ्रष्टाचार के खिलाफ इस बिल को लाया गया है. लेकिन सरकार को कई बिंदुओं पर डाक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट्स का भरोसा जीतना होगा. क्योंकि, डाक्टरों के बीच बिल को लेकर काफी भ्रम की स्थिती है जिसे दूर करने की जरुरत है. 

जबकि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मरीजों के हित को ध्यान में रखते हुए डाक्टरों को स्ट्राईक खत्म करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि बिल संसद से पास हो चुका है. अब इस तरह के आंदोलन का कोई मतलब नहीं है. डाक्टरों को अब सही प्लेटफार्म पर अपनी बात रखनी चाहिए. वैसे भी बिल में कई अच्छी चीजें हैं जिससे इंकार नहीं किया जा सकता.  

वहीं, भाजपा ने एनएमसी बिल को लेकर डाक्टरों को गलतफहमी नहीं पालने की सलाह दी है. भाजपा प्रवक्ता नवल यादव ने कहा है कि सरकार की कोशिश है कि झोलाछाप डाक्टरों को भी प्रशिक्षित कर ग्रामीण सुदुर इलाकों में उन्हें ईलाज करने के लायक बना दिया जाए. इसमें बुराई क्या है? ऐसे छोटे डाक्टरों से एमबीबीएस डाक्टरों को डरने की जरुरत नहीं. उनकी अहमियत कभी कम नहीं होगी. हॉस्पीटल में कंपाउन्डर नर्स भी ईलाज करते हैं तो क्या इससे डाक्टरों की अहमियत कम हो जाती है. डाक्टरों को समझना होगा कि ये देश झोला छाप चिकित्सा व्यवस्था से ही आगे बढ कर यहां तक पहुंचा है.

Web Title: Doctors strike in Bihar, patients have to face difficulties in protest against NMC Bill

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