बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस के सामने राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुनना बड़ी चुनौती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बीच सीएम पद की रेस है। इस बीच डीके शिवकुमार का बड़ा बयान आया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस को राज्य में 135 सीटें मिलीं।
बेंगलुरु में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, "आज मेरा जन्मदिन है, मैं अपने परिवार से मिलूंगा। इसके बाद मैं दिल्ली के लिए रवाना हो जाऊंगा। मेरे नेतृत्व में 135 विधायक जीत कर आए। सभी ने एक स्वर में कहा कि सीएम नियुक्त करने का मामले को पार्टी के आलाकमान पर छोड़ देना चाहिए। मेरा उद्देश्य कर्नाटक को बेहतर बनाना था और मैंने यह किया।"
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। डीके शिवकुमार ने कहा, "पिछले 5 वर्षों में क्या हुआ, मैं इसका खुलासा नहीं करना चाहता। किसी दिन, मैं इसका खुलासा करूंगा। जब हमारी गठबंधन सरकार गिर गई और कई विधायक चले गए, तो मैंने हिम्मत नहीं हारी। मैं एक अकेला आदमी हूं। मैं एक बात में विश्वास करता हूं कि साहस वाला एक अकेला आदमी बहुमत बन जाता है।"
बता दें कि डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया में से किसी एक को चुनने का फैसला हाईकमान लेगा। रविवार को विधायकों ने मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री का नाम लेने के लिए अधिकृत करने का फैसला किया और इस पद के एक अन्य शीर्ष दावेदार सिद्धारमैया पहले ही दिल्ली पहुंच गए।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है। राज्य की कुल 224 विधानसभा सीट में से कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की है। लेकिन कांग्रेस के लिए अब नई मुसीबत है राज्य के नए मुख्यमंत्री को बिना किसी अंदरूनी टकराव के चुनना। डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच कर्नाटक में कांग्रेस का सीएम कौन होगा? इस पेचीदा सवाल को लेकर कांग्रेस परेशान है।
हालांकि इससे पहले ही ये जानकारी सामने आई है कि राज्य में नई सरकार का शपथ ग्रहण 18 मई को होगा। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया गांधी के साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। साथ ही शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। साथ ही समान विचारधारा वाले दलों को निमंत्रण भेजा जाएगा।