लोकपाल से मिली शिकायतों की छानबीन के लिए जांच निदेशक की नियुक्ति नहीं हुई है : सीवीसी

By भाषा | Updated: July 18, 2021 16:25 IST2021-07-18T16:25:09+5:302021-07-18T16:25:09+5:30

Director of Inquiry has not been appointed to investigate complaints received from Lokpal: CVC | लोकपाल से मिली शिकायतों की छानबीन के लिए जांच निदेशक की नियुक्ति नहीं हुई है : सीवीसी

लोकपाल से मिली शिकायतों की छानबीन के लिए जांच निदेशक की नियुक्ति नहीं हुई है : सीवीसी

(अश्विनी श्रीवास्तव)

नयी दिल्ली, 18 जुलाई भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल के अस्तित्व में आने के दो साल से अधिक समय के बाद भी केंद्र ने लोकपाल द्वारा भेजी गयी भ्रष्टाचार की शिकायतों की प्रारंभिक जांच करने के लिए अब तक जांच निदेशक की नियुक्ति नहीं की है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब से यह जानकारी मिली है।

लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने वाला शीर्ष निकाय लोकपाल मार्च 2019 में इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के साथ अस्तित्व में आया। लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 के अनुसार एक जांच निदेशक होगा, जो केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे का नहीं होगा। केंद्र सरकार को लोकपाल द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को भेजी गयी शिकायतों की प्रारंभिक जांच करने के लिए जांच निदेशक की नियुक्ति करनी है। सीवीसी ने आरटीआई के जवाब में कहा है, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा जांच निदेशक की नियुक्ति नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक जांच करने के लिए आयोग में मामले प्राप्त हो रहे हैं।’’

आयोग ने पांच जुलाई को अपने जवाब में कहा कि मार्च 2021 तक 41 मामले प्रारंभिक जांच के लिए प्राप्त हुए हैं। इनमें से 36 मामलों में रिपोर्ट लोकपाल को भेजी गई है। सीवीसी को जांच निदेशक और लोकपाल द्वारा प्रारंभिक जांच करने के लिए भेजे गए मामलों सहित अन्य का विवरण प्रदान करने के लिए कहा गया था। नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल से जून के बीच लोकपाल को भ्रष्टाचार की 12 शिकायतें मिलीं। इनमें आठ शिकायतें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ थीं। लोकपाल को 2020-21 के दौरान संसद सदस्यों के खिलाफ चार मामले सहित 110 शिकायतें मिली। वर्ष 2019-20 में कुल 1,427 शिकायतें मिली थीं।

लोकपाल के आंकड़ों के मुताबिक, इस वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में प्राप्त कुल 12 शिकायतों में से आठ ग्रुप ए या बी के अधिकारियों के खिलाफ और चार किसी निकाय, बोर्ड, निगम, प्राधिकरण, कंपनी, सोसाइटी के अध्यक्ष, सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ थीं। आंकड़ों से पता चला कि प्रारंभिक जांच के बाद दो शिकायतों को बंद कर दिया गया और प्रारंभिक जांच की मांग वाली तीन शिकायतें सीवीसी के पास लंबित थीं।

वर्ष 2021-22 (जून 2021 तक) के लिए आंकड़ों में दिखाया गया है कि एक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की स्थिति रिपोर्ट लंबित है। लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20 (1) (बी) के प्रावधानों के अनुसार, समूह ए, बी, सी या डी से संबंधित लोक सेवकों के संबंध में शिकायतों को लोकपाल द्वारा प्रारंभिक जांच के लिए सीवीसी को भेजा जाता है। सीवीसी ऐसी शिकायतों को प्रारंभिक जांच और रिपोर्ट के लिए संबंधित मुख्य सतर्कता अधिकारी को भेजता है।

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Web Title: Director of Inquiry has not been appointed to investigate complaints received from Lokpal: CVC

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