लोकसभा चुनाव 2019: दिग्विजय लगा रहे हैं भाजपा में सेंध
By शिवअनुराग पटैरया | Published: April 20, 2019 05:51 AM2019-04-20T05:51:40+5:302019-04-20T05:51:40+5:30
भाजपा के द्बारा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतारे जाने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भाजपा के नाराज और हासिये पर चले गए नेताओं को अपने पक्ष में साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
भाजपा के द्बारा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतारे जाने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भाजपा के नाराज और हासिये पर चले गए नेताओं को अपने पक्ष में साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह की रणनीति है कि अपनी पार्टी से नाराज भाजपा नेताओं को साधकर प्रज्ञा सिंह ठाकुर के पक्ष में आकलित ध्रुवीकरण को रोका जाए. इस रणनीति को लेकर वे खुद उन भाजपा सांसदों से संपर्क कर रहे हैं, जिनके टिकट काट दिए गए हैं. दिग्विजय सिंह इसको लेकर लगातार ऐसे लोगों से मिल रहे हैं. इसी कड़ी में उनके बीते गुरुवार की देर रात भाजपा से मिलने की खबरें हैं, जिनका टिकट काट दिया गया. सूत्रों के अनुसार दिग्विजय भाजपा के भीतर ही समर्थन कर दिया जाए कि वह ज्यादा आक्रामक तरीके प्रस्तुत ही न हो पाए.
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने अपने शासनकाल (1993-2003) के दौरान मध्यप्रदेश भाजपा में अपने समर्थकों और हित चिंतकों का एक ऐसा वर्ग पैदाकर दिया था, जिसे भाजपा डी के नाम से जाना जाता था. 2003 के विधानसभा चुनाव में इसीलिए भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश के नेताओं पर भरोसा करने के स्थान पर उमा भारती को मुख्यमंत्री का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था. भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के द्बारा संघ के परामर्श से लिए गए इस फैसले के बाद उसे अनुकूल व अपेक्षित परिणाम भी मिले थे. 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 173 और कांग्रेस को 38 स्थानों पर सफलता मिली थी.
दिग्विजय सिंह की रणनीति को भांपकर भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व और संघ भी सक्रिय हो गया है. इसीलिए भोपाल संसदीय क्षेत्र में चुनाव अभियान की कमान संघ ने खुद संभाल ली है. संघ की रणनीति के तहत ही प्रज्ञा सिंह, कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच जाकर कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को हिन्दू और भगवा आतंकवाद जैसे संबोधन देने के लिए आरोपित कर रही हैं. वे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों ज्यादा मालेगांव ब्लास्ट में उनकी गिरफ्तारी एवं पुलिस प्रताड़नाआें की बात कर रही हैं. वे इसके लिए सीधे तौर पर दिग्विजय सिंह को जवाबदार बताते हुए न्याय देने की बात कर रही हैं.