नई दिल्ली: भगोड़ा घोषित 25 हजार रुपये के इनामी बाहुबली धनंजय सिंह का बल्लेबाजी करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उत्त प्रदेश सरकार ने बहुचर्चित अजीत सिंह हत्याकांड की जांच अब एसटीएफ को सौंप दी है जिसमें सिंह मुख्य साजिशकर्ता हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वह क्रिकेट खेलते हुए नजर आ रहे थे। इसके बाद लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए गए भगोड़ा घोषित हो चुका एक ईनामी बदमाश पुलिस को नहीं मिल रहा है लेकिन वह खुलेआन घूम रहा है।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सरकार पर निशाना साधा था। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर माफिया के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने पर सरकार को घेरा था। उन्होंने सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लाडला भी बताया था।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था कि बाबा जी अपने करीबी नालबद्ध माफियाओं के टॉप-10 की सूची बनाकर एक टीम बना लें और आईपीएल की तरह एक ‘एमबीएल’ मतलब ‘माफिया भाजपा लीग’ शुरू कर दें। शहर के पुलिस कप्तान तो उनके लिए पिच बिछाए बैठे ही हैं और टीम कप्तान वो खुद हैं ही… हो गए पूरे ग्यारह।
इसके बाद मीडिया के एक सवाल के जवाब में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने कार्रवाई की बात कही थी। इसके बाद शुक्रवार को यह जांच एसटीएफ के पास भेज दी गई।
क्या हैं आरोप?
पिछले साल 4 जनवरी, 2021 को लखनऊ के विभूतिखंड में कठौता चौराहे के पास अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने अजीत सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी और करीब 20 से 22 गोलियां दागी थीं।
इस मामले में कई आरोपी गिरफ्तार हुए थे और इसी में धनंजय सिंह का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में आया था। इसके बाद पुलिस ने धनंजय सिंह को भगोड़ा घोषित किया था और गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम रखा था।
धनंजय सिंह, जौनपुर के बाहुबली नेता हैं और वह सांसद रह चुके हैं। 2020 में मल्हानी सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे के मुताबिक, धनंजय सिंह पर 7 मुकदमें दर्ज हैं। धनंजय सिंह पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी एफआईआर दर्ज है।