नागपुर:महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस द्वारा राज्य में भाजपा की चुनावी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश करने के एक दिन बाद आरएसएस के पदाधिकारी उनके नागपुर स्थित आवास पर आए, जहां लगभग दो घंटे तक बंद कमरे में बैठक चली। बैठक में तय हुआ कि फड़नवीस इस्तीफा नहीं देंगे।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार संघ के शीर्ष सूत्रों ने बीते गुरुवार को डिप्टी सीएम फड़नवीस के आवास पर बैठक की पुष्टि की, लेकिन इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया।
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी अतुल लिमये उस बैठक का हिस्सा थे, जिसके बारे में पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि यह बैठक फड़नवीस के पद छोड़ने की पेशकश और संघ द्वारा उन्हें विधानसभा चुनाव तक पद पर बने रहने के संबंध में थी।
संघ का मानना है कि फड़नवीस शिंदे सरकार में रहें क्योंकि उनके इस्तीफा देने से मतदाताओं में नकारात्मक संकेत जाएगा। सूत्रों ने कहा कि संघ के सदस्यों ने देवेंद्र फड़नवीस के साथ आगामी चुनावों के लिए चुनावी असफलताओं और रणनीतियों पर भी चर्चा की।
इससे पहले, फड़नवीस भाजपा के राज्य प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले के साथ नागपुर पहुंचे, जहां समर्थकों ने उनका अभिवादन किया। उसके बाद वो अपने घर चले गए और दोपहर बाद अपने आवास पर संघ प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद वो दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
वहीं नागपुर हवाई अड्डे पर प्रदेश भाजपा प्रमुख बावनकुले ने कहा कि पार्टी ने फड़णवीस से अपने पद पर बने रहने का अनुरोध किया है, हालांकि भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद उनका निराश होना स्वाभाविक है।
उन्होंने कहा, “विपक्ष की झूठी कहानी ने मतदाताओं को भ्रमित कर दिया था। इंडिया गठबंधन के पास विकास पर दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है, उन्होंने भाजपा के सत्ता में लौटने पर संविधान में बदलाव का डर पैदा करके मतदाताओं को गुमराह किया। अब वे ईवीएम को दोष नहीं दे रहे हैं, जैसा कि वे आमतौर पर हारने पर करते हैं। मतदाता झूठ और जातिवाद की राजनीति बर्दाश्त नहीं करेंगे और विकास के लिए मतदान करेंगे।''
बावनकुले ने फड़णवीस की सराहना करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों के रूप में उनके विकासात्मक प्रयासों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा शुरू की गई सभी कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया और 6.5 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया और किसानों के कल्याण के लिए काम किया लेकिन मतदाता विपक्ष के झूठ से प्रभावित हुए। महाराष्ट्र भाजपा इकाई को लगता है कि विपक्ष के गलत सूचना अभियान का मुकाबला करने के लिए फड़नवीस का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।"
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महाराष्ट्र में लड़ी गई 28 लोकसभा सीटों में से केवल नौ पर जीत हासिल की, जबकि उसके सहयोगियों, शिवसेना और एनसीपी ने क्रमशः सात और एक सीट जीती। इसके विपरीत महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने 30 सीटें हासिल कीं।