Bihar: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के द्वारा बिहार भाजपा के दिग्गज नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर भी दो एपिक नंबर रखने का आरोप लगाए जाने के बाद विजय कुमार सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी। उन्होंने तेजस्वी यादव को ‘जंगलराज का युवराज’ बताते हुए कहा कि वह ‘फ्रॉड की राजनीति’ कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। विजय सिन्हा ने बताया कि मैंने पटना के मतदाता सूची से अपना नाम हटवाने के लिए 5 अगस्त को ही बीएलओ को दोबारा आवेदन दिया है।
उन्होंने कहा कि 2024 से पहले मेरा परिवार बांकीपुर विधानसभा का मतदाता था। 2024 में मैंने लखीसराय विधानसभा में अपना नाम जोड़ने के लिए और पटना से अपना नाम हटाने के लिए फॉर्म भरा था। विजय सिन्हा ने इस दौरान उसके कागज भी दिखाया।
उन्होंने कहा कि साल 2024 में लखीसराय में नाम जोड़ने का और पटना में नाम विलोपित करने का फॉर्म भरा और जब परिवार के लोगों ने बताया कि दो जगह नाम है तो मैं बीएलओ को बुलाकर बताया और रिसीविंग लिया था। विजय सिन्हा ने कहा कि किसी कारणवश उनका नाम बांकीपुर की मतदाता सूची से नहीं हट पाया।
जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने खुद बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को बुलाकर दोबारा फॉर्म भरा और उसकी रसीद भी ली, जिसे उन्होंने मीडिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह सिर्फ एक ही जगह- लखीसराय से मतदान करते हैं और इस बार भी उन्होंने लखीसराय से ही प्रारूप भरा है।
वहीं, अपने दो मतदाता पहचान पत्र में उम्र में अंतर (57 और 60 वर्ष) के आरोप पर विजय सिन्हा ने कहा कि यह गलती को सुधारने के लिए आवेदन किया गया था। उन्होंने दावा किया कि उनकी उम्र प्रमाणपत्र के अनुसार सही है और एक महीने का त्रुटि सुधार का समय उपलब्ध है।
विजय सिन्हा ने 30 अप्रैल 2024 को ऑनलाइन आवेदन के दस्तावेज पेश किए जिसमें बांकीपुर से नाम हटाने और उम्र सुधार की मांग थी। उन्होंने इसे सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा बताया। उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जंगलराज के युवराज तेजस्वी यादव जी जिस तरह फ्रॉड की राजनीति कर लोगों को बरगलाते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि कानून और नियम सबके लिए एक जैसे हैं।
विजय सिन्हा ने कहा कि यह आरोप निराधार हैं और उनकी मंशा सिर्फ राजनीतिक लाभ लेना है। उन्होंने कहा कि लोगों को बता देना चाहता हूं कि मैं एक ही जगह वोट करता हूं लखीसराय में। इस तरह का खेल हम लोग नहीं खेलते हैं। संवैधानिक संस्था को कलंकित करने का अपनी कमजोरी को दूसरे पर थोपने का किया था।