छत्तीसगढ़ : नए साल में मंत्री संभालेंगे अपना मंत्रालय, पहली बार मुख्यमंत्री के पास नहीं होगा वित्त विभाग
By स्वाति कौशिक | Published: December 30, 2023 05:06 PM2023-12-30T17:06:59+5:302023-12-30T17:11:57+5:30
छत्तीसगढ़ : मंत्रिमंडल का गठन और अब विभागों की चर्चा पर लगा विराम। प्रदेश के इतिहास में पहली बार जब शपथ के एक हफ्ते बाद मंत्रियों को मिला विभाग।
रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्री-परिषद के बीच विभागों का बंटवारा हो चूका है। विभागों के बंटवारे में पहली बार मुख्यमंत्री के पास वित्त विभाग नहीं है।
चुनाव परिणाम से लेकर लगातार अब – तक कई मोर्चों पर भाजपा ने प्रदेश में लोगों को चौका दीया है। चाहे वह मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर नाम की रेस हो या अब मंत्रियों को मिलने वाले विभागों की बात हो, लगातार हर विषय पर प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी में चर्चाओं का दौर जारी रहा है। ऐसे में प्रदेश में शपथ ग्रहण के एक हफ्ते बाद कैबिनेट मंत्रियों को उनके विभाग बता दिए गए हैं। जिसमें पहली बार मुख्यमंत्री के पास आबकारी विभाग है तो वहीं अब तक मुख्यमंत्री के पास रहने वाला वित्त विभाग दूसरे कैबिनेट मिनिस्टर को दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ दो डिप्टी सीएम ने शपथ लिया था उसके बाद जो केबिनेट मिनिस्टर्स ने शपथ लिया । सब मिलाकर छत्तीसगढ़ के वर्तमान कैबिनेट 12 सदस्य हैं जिसके बाद एक और मंत्री बनाए जाने की उम्मीद अभी भी बाकी है। इस पूरे कैबिनेट में शामिल होने वाले चहरों की बात करें तो विष्णु देव साय बतौर मुख्यमंत्री, विजय शर्मा उपमुख्यमंत्री, अरुण साव उपमुख्यमंत्री, ओपी चौधरी, बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, केदार कश्यप, दयाल दास बघेल, लखन लाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, टंकराम वर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े यह सभी बतौर कैबिनेट मंत्री शासन चलाएंगे।
बीजेपी ने काफी सोच समझ कर नए पुराने और प्रदेश के सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का गठन किया है। जिसमें पांच मंत्री ओबीसी से आते हैं। मिलने वाले विभागों की बात करें तो मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सामान्य प्रशासन, खनिज साधन, ऊर्जा, जनसंपर्क, वाणिज्य कर, परिवहन व अन्य विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं है वह अपने पास रखे हैं।
दोनों उपमुख्यमंत्री को दिए जाने वाली जिम्मेदारियां की बात करें तो विजय शर्मा को गृह मंत्रालय, जेल, पंचायत व ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा, रोजगार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जिम्मेदारी दी गई है।
तो वही उपमुख्यमंत्री अरुण साव को लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरी प्रशासन, विधि और विधाई कार्य सोपा गया है।
पिछले बीजेपी सरकार में कई बार मंत्री रह चुके रायपुर दक्षिण के आठ बार के विधायक मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर भाजपा ने भरोसा जताते हुए स्कूल शिक्षा उच्च शिक्षा संसदीय कार्य धार्मिक न्यास व धर्मस्य पर्यटन व संस्कृति विभाग के जिम्मेदारी दी है।
सांसद रहे साथ ही पूर्ववर्ती सरकारों में मंत्री रहे राम विचार नेताम को इस बार कैबिनेट में आदिम जाति अनुसूचित जाति पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक विकास कृषि विकास व किसान कल्याण विभाग के जिम्मेदारी दी गई है ।
बस्तर के वरिष्ठ नेता माने जाने वाले केदार कश्यप को कैबिनेट में वन व जलवायु परिवर्तन जल संसाधन कौशल विकास व सहकारिता के महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
मंत्री दयाल दास बघेल की बात करें तो खाद्य नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई है।
लखन लाल देवांगन को इस मंत्रिमंडल में वाणिज्य उद्योग व श्रम मंत्रालय दिया गया है।
श्याम बिहारी जायसवाल को लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ चिकित्सा शिक्षा 20 सूत्री क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है।
पहली बार मंत्री बन रहे टंकराम वर्मा को खेलकूद व युवा कल्याण राजस्व आपदा प्रबंधन के महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
महिला व बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सबसे कम उम्र की महिला मंत्री लक्ष्मी रजवाड़ों को दी गई है।
इस पूरे मंत्रिमंडल में अब तक सबसे चर्चित नाम माने जा रहे ओ.पी. चौधरी को पहले ही बार में वित्त मंत्रालय वाणिज्य कर आवास व पर्यावरण योजना आर्थिक व सांख्यिकी जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ में पहली बार मंत्री बनने के एक सप्ताह बाद मंत्रियों को अपने विभागों और कामों की जानकारी मिली है। ऐसे में शनिवार और रविवार होने की वजह से नए साल में सभी मंत्री अपना विभाग संभालेंगे।