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प्रयागराज धर्म संसद में उठी यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी के रिहाई की मांग

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 30, 2022 17:21 IST

प्रयागराज धर्म संसद में संत समाज ने उत्तराखंड सरकार को एक महीने के भीतर डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी को एक महीने के भीतर बिना किसी शर्त के रिहा करने की मांग रखी 

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ठळक मुद्देहरिद्वार धर्म संसद में यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी ने बहुत ही भड़काऊ भाषण दिये थेभारी रोष के बाद उत्तरखंड पुलिस ने नरसिंहानंद और वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया थाप्रयागराज में संतों का आरोप है कि हिंदुओं के लिए लड़ने वाले को सरकार निशाना बना रही है

यूपी: प्रयागराज में आयोजित धर्म संसद में मौजूद संतों ने मांग की है कि हरिद्वार हेट स्पीच मामले में उत्तराखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद और उनके शिष्य वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह को उत्तरखंड सरकार तत्काल रिहा करे।

प्रयागराज धर्मसंसद में मौजूद संतों का आरोप है कि हिंदुओं की बात करने वाले और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाले संतों को सरकार निशाना बना रही है।

ब्रह्मा ऋषि आश्रम ट्रस्ट की तरफ से आयोजित धर्म संसद में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी को सरकार एक महीने के भीतर बिना किसी शर्त के रिहा करे। 

इसके आगे शंकराचार्य ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो हिंदू जनमानस का क्रोध सरकार को झेलना होगा। यही नहीं शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने इसके साथ यह भी कहा कि एक महीने में ऐसा नहीं किया गया तो संत समाज इसके लिए आगे की रणनीति तय करेगा और इसका परिणाम बहुत प्रतिकूल होगा सरकार के लिए।

मालूम हो कि हरिद्वार में आयोजित धर्मसंसद में बीते दिनों यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी ने वहां मौजूद लोगों के सामने अल्पसंख्यक समाज के लिए बहुत ही भड़काऊ भाषण दिया था। जिसके बाद पूरे देश में उस धर्मसंसद का बहुत विरोध हुआ था और भारी रोष के बाद उत्तरखंड पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था।

वहीं प्रयागराज धर्म संसद में जुटे संत समाज ने विवादास्पद तरीके से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की और इस संबंध में प्रस्ताव भी पास किया है।

संतों की ओर से पास हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी लोग अब  भारत को हिंदू राष्ट्र लिखेंगे। वहीं साथ में यह भी कहा गया है कि सरकार भारत में मुसलमानों के मिलने वाले अल्पसंख्यक दर्जे को भी समाप्त करे और धर्मांतरण करवाने वालों को फांसी की सजा दी जाए।

प्रयाग में जुटे संतों ने एक स्वर में कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है और इस्लामिक जिहाद को इस देश से दूर करना है। 

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