Geetika Sharma suicide case: दिल्ली की एक अदालत ने गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को किया बरी
By रुस्तम राणा | Published: July 25, 2023 11:05 AM2023-07-25T11:05:23+5:302023-07-25T11:18:43+5:30
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को बरी कर दिया है।
नई दिल्ली: हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को गितिका शर्मा सुसाइड केस में मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत के द्वारा बरी कर दिया गया है।दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को बरी कर दिया है।
कोर्ट ने गोपाल कांडा और उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा को बरी किया है। दोनों पर गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था। अदालत ने गोपाल कांडा को एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा करने और अगर पुलिस उनके बरी होने के खिलाफ अपील दायर करती है तो उपस्थित रहने को कहा।
बता दें कि इस मामले में गीतिका शर्मा 5 अगस्त 2012 को उत्तर पश्चिम दिल्ली में अपने अशोक विहार आवास पर मृत पाई गई थी। वह एयर होस्टेस के रूप में कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस में कार्यरत थी। हालांकि बाद में शर्मा को उनकी एक कंपनी के निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया था।
Delhi's Rouse Avenue Court acquits former Haryana Minister Gopal Goyal Kanda in air hostess Geetika Sharma suicide case.
— ANI (@ANI) July 25, 2023
Geetika, a former air hostess, who was earlier employed with Kanda's MDLR airlines, was found dead on August 5, 2012 at her Ashok Vihar residence in North… pic.twitter.com/Ibs8hYuMcC
4 अगस्त के अपने सुसाइड नोट में उसने कहा था कि वह गोपाल कांडा और एक अन्य व्यक्ति द्वारा "उत्पीड़न" के कारण अपना जीवन समाप्त कर रही है। प्रभावशाली राजनेता और व्यवसायी गोपाल कांडा (46) हरियाणा में पूर्ववर्ती भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। मामला दर्ज होने के बाद उन्हें गृह राज्य मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
वह हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता और हरियाणा के सिरसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। कांडा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे, जिनमें 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना), 120बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) शामिल हैं।
एक ट्रायल कोर्ट ने उनके खिलाफ बलात्कार (376) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय किए थे लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने इन्हें रद्द कर दिया।