दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से आईआरसीटीसी घोटाले में दायर दो मुकदमों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद को बृहस्पतिवार को 19 जनवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दी। विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने रांची जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए प्रसाद को अंतरिम राहत दी। चारा घोटाला मामले में जेल में बंद लालू स्वास्थ्य कारणों से अदालत आने में सक्षम नहीं थे, इसलिए वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।अदालत ने सीबीआई और ईडी को निर्देश दिया कि वह दोनों मामलों में प्रसाद की जमानत याचिका पर अपना जवाब दें। यह मामला आईसीआरसीटीसी के दो होटलों की देखरेख का ठेका निजी फर्म को सौंपने में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। बात दें कि 6 अक्टूबर को हुई सुनवाई में इसी मामले में कोर्ट ने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को पहले ही जमानत दे चुकी है।
इससे पहले 19 नवंबर को कोर्ट ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद को निर्देश दिया था कि आईआरसीटीसी घोटाला मामले के सिलसिले में 20 दिसंबर यानि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वह उसके समक्ष पेश हों। लालू यादव के वकील ने अदालत को बताया था कि खराब सेहत की वजह से लालू पहले के निर्देश के मुताबिक अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके।
अदालत ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि लालू चाहे अस्पताल में हों या फिर जेल में, वीडियो कॉन्फ्रेंस के मार्फत उनकी मौजूदगी सुनिश्चित की जाए।
इस बीच ईडी ने प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य की जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और राहत देने पर जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
(भाषा इनपुट के साथ)