दिल्ली हिंसा: सिसोदिया बोले- 79 मकान और 327 दुकानें जलकर खाक, भाजपा ने बनाई राहत समिति
By भाषा | Published: March 4, 2020 07:46 AM2020-03-04T07:46:05+5:302020-03-04T07:46:05+5:30
दिल्ली सरकार ने कहा कि अब तक दंगा पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर 38.75 लाख रुपये दिये गये हैं। हिंसा में मारे गये लोगों के परिवारों को 22 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी गयी है जबकि घायलों को नौ लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गयी है ।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि गत सप्ताह उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान हुई आगजनी में 79 मकान और 327 दुकानें जलकर खाक हो गईं। सिसोदिया ने संवाददाता सम्मलेन में बताया कि पुलिस के अनुसार अभी तक 41 शव बरामद हुए हैं।
सरकार ने कहा कि अब तक दंगा पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर 38.75 लाख रुपये दिये गये हैं। हिंसा में मारे गये लोगों के परिवारों को 22 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी गयी है जबकि घायलों को नौ लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गयी है । जिनके मकान और संपत्तियां नष्ट हुईं है उन्हें 7.75 लाख रुपये दिये गये हैं। सरकार ने एक बयान में कहा कि पिछले 24 घंटे में शिवपुरी, मुस्तफाबाद और करावल नगर से 1000 दंगा प्रभावितों को मुस्तफाबाद में दिल्ली सरकार के राहत शिविर में पहुंचाया गया है। उसने कहा कि इस शिविर में डॉक्टरों, दवाइयों, भोजन, शौचालय, कपड़े और अन्य जरूरी सुविधाएं प्रदान की गयी हैं। शिविर में मुआवजा फार्म भरने के लिए सहायता डेस्क बनाये गये हैं।
सरकार उन परिवारों के लिए नये दस्तावेज एवं पहचान पत्र बनाने के लिए विशेष सहायता डेस्क लगाने पर भी काम कर रही है जो अपनी चीजें गंवा बैठे हैं। सोमवार शाम तक प्राप्त आंकड़ों के आधार पर सिसोदिया ने कहा कि आगजनी के कारण 79 मकानों और 327 दुकानों के पूरी तरह जल जाने के अलावा 168 मकान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए जबकि 40 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा, “मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार के मंत्री वस्तुस्थिति का जायजा ले रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिनके कागजात जल गए हैं उन्हें तत्काल एसडीएम कार्यालय से संपर्क करना चाहिए। आगजनी में जिन छात्रों की पुस्तकें जल गई हैं उनकी सहायता की जाएगी।’’ सिसोदिया के अलावा दिल्ली के अन्य कैबिनेट मंत्री ने जमीनी स्तर पर राहत अभियानों का जायजा लिया । ये मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, कैलाश गहलोत और इमरान हुसैन आदि हैं। सिसोदिया ने कहा, ‘‘ क्षति की समीक्षा के लिए एसडीएम के नेतृत्व में 18 टीमें गठित की गई हैं।”
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा प्रभावित लोगों की सहायता के लिए भाजपा ने बनाई राहत समिति
उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्र के निवासियों को सहायता देने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को एक राहत समिति का गठन किया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी एल संतोष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन की मौजूदगी में पार्टी की कोर समिति की बैठक के बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने राहत समिति के गठन की घोषणा की।
तिवारी ने कहा, “यह निर्णय लिया गया कि आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली से भाजपा सांसद राहत कार्य के लिए अपनी निधि से धन देंगे।” तिवारी की अध्यक्षता में बनने वाली राहत समिति में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर बिधूड़ी, सांसद गौतम गंभीर और हंस राज हंस, दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष योगिता सिंह और महासचिव कुलजीत चहल भी होंगे। तिवारी ने कहा कि राहत कार्य में पार्टी के सभी सांसद, विधायक, पार्षद और पदाधिकारी भाग लेंगे।
दिल्ली हिंसा: आरएएफ की टुकड़ियों ने आगजनी की 300 से अधिक घटनाओं का डट कर किया मुकाबला
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा पर काबू पाने के लिए तैनात किए गए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की विशेष शाखा द्रुत कार्य बल (आरएएफ) ने आगजनी की तीन सौ से अधिक घटनाओं का मुकाबला किया और कुछ हिंसक प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के अपने प्रमुख दायित्व का निर्वहन किया। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नीली वर्दीधारी आरएएफ कर्मियों ने जलते हुए घरों में फंसे कई लोगों को बचाकर बाहर निकाला और कई इमारतों में लगी आग बुझाई। आरएएफ के सूत्रों ने बताया कि 25 फरवरी को दयाल बाग, गोविंदपुरी, करावल नगर, खजूरी खास और भजनपुरा जैसे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बल की तकरीबन आठ कंपनियां तैनात की गई थीं जिनमें लगभग सात सौ कर्मी थे। आरएएफ के एक कमांडर ने कहा, “आरएएफ की टुकड़ियों ने क्षेत्र में आगजनी की 300-350 घटनाओं का मुकाबला किया। जवानों और कमांडरों ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला और जलते घरों में घुसकर लोगों को बचाया।”
बचाव के उपकरण न होने के बावजूद आरएएफ कर्मियों ने कई जलती हुई इमारतों से लोगों को बचाया क्योंकि वहां उनकी सहायता करने वाला कोई नहीं था। उन्होंने कहा कि आगजनी से निपटना आरएएफ का प्रमुख दायित्व नहीं है इसके बावजूद संकट ग्रस्त लोगों को मुसीबत से निकालना बल का कर्तव्य है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार आरएएफ कमांडेंट भावेश चौधरी ने 25 फरवरी को अपने दोनों जवानों कांस्टेबल शिरोमणि सिंह और कांस्टेबल सुनील कुमार के साथ बृजपुरी क्षेत्र में एक जलते हुए घर में घुसकर एक परिवार के सदस्यों को बचाकर बाहर निकाला।