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Delhi Violence: मुस्तफाबाद में एकलौते ब्राह्मण परिवार के लोगों ने कहा- 'मुस्लिम समाज के लोगों के बीच मैं सुरक्षित हूं'

By अनुराग आनंद | Updated: February 28, 2020 17:24 IST

महिला ने बताया कि भीड़ के उनके घर में घुस आने और उनके तथा उनकी दो बेटियों के साथ बदसलूकी की, “हमने खुद को बचाने के लिए अपने-अपने शरीर पर दुपट्टा लपेटा और पहली मंजिल से कूद गए।” लेकिन महिला को एक जानकार मुस्लिम ने अपने घर में पनाह देकर बचा लिया।

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ठळक मुद्देदिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो गई है और करीब 250 लोग घायल हैं।दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि स्थिति अब पहले से अधिक बेहतर हैं।

दिल्ली हिंसा के दौरान मुस्तफाबाद में एकलौते ब्राह्मण परिवार को उसके पड़ोस में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बचा लिया था। अब उस परिवार के लोगों ने कहा है कि हमलोग कहीं नहीं जा रहे हैं, मुस्लिम समाज के लोगों के बीच हमारा परिवार पूरी तरह से सुरक्षित है। 

Ram Sevak,a resident of Shiv Vihar: I am living here for the past 35 years.There are only one or two houses of Hindus in this bylane,but we never faced any problem. At time of violence,my Muslim brothers assured me that 'Uncle ji sleep well,there will be no harm'.#Delhiviolencepic.twitter.com/Q6mkKPFJmn— ANI (@ANI) February 28, 2020

इसी तरह उत्तरपूर्वी दिल्ली के अल हिंद अस्पताल में 45 वर्षीय महिला दंगा भड़कने के दौरान उनके साथ हुए खौफनाक वाकये को याद कर सिहर जाती हैं। महिला ने बताया कि भीड़ के उनके घर में घुस आने और उनके तथा उनकी दो बेटियों के साथ बदसलूकी की घटना को याद करते हुए वह बताती हैं, “हमने खुद को बचाने के लिए अपने-अपने शरीर पर दुपट्टा लपेटा और पहली मंजिल से कूद गए।”

बता दें कि बुधवार की रात का यह डरावना ख्वाब तभी खत्म हुआ जब महिलाएं जान बचाते हुए मुस्लिम बहुल गली में पहुंची। करावल नगर में एनजीओ चलाने वाली महिला की आंखों में यह बताते-बताते आंसू आ गए। उन्होंने बताया, “मैं घर पर ही थी जब भीड़ मेरे घर में घुस आई। मेरे साथ और मेरी दो बेटियों के साथ बदसलूकी की गई और भीड़ ने हमारे कपड़े फाड़ दिए।” उन्होंने बताया कि भीड़ ने उनका पीछा किया लेकिन उनके एक जानकार दुकानदार अय्यूब अहमद के घर पहुंचने के बाद भीड़ गायब हो गई।

उन्होंने कहा, “जब हम अहमद के घर पहुंचे, उन्होंने हमें खाना और अन्य जरूरी चीजें दीं और बाद में हमें अल हिंद अस्पताल लेकर आए। मैं उन शरारती तत्वों की पहचान कर सकती हूं क्योंकि वे हमारी गली के ही थे।” अहमद ने बताया कि घटना के बाद से महिलाएं सदमे में हैं। ये महिलाएं उन कई महिलाओं में से एक थीं जिन्हें हिंसा प्रभावित उत्तरपूर्व दिल्ली में सशस्त्र भीड़ के हमलों के बाद पिछले कुछ दिनों में अल हिंद अस्पातल लाया गया। सभी के पास कुछ न कुछ खौफनाक बताने के लिए है।

टॅग्स :दिल्ली हिंसादिल्लीकैब प्रोटेस्टमुस्तफाबाद
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