Delhi Violence: मुर्दाघरों के चक्कर लगा रहे हैं दिल्ली हिंसा में लापता लोगों के दुखी परिजन, पढ़ें उन्हीं के जुबानी

By भाषा | Published: March 1, 2020 06:11 AM2020-03-01T06:11:52+5:302020-03-01T06:15:20+5:30

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता अधिनियम को लेकर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

Delhi Violence: Dead families of people missing in Delhi violence | Delhi Violence: मुर्दाघरों के चक्कर लगा रहे हैं दिल्ली हिंसा में लापता लोगों के दुखी परिजन, पढ़ें उन्हीं के जुबानी

Delhi Violence: मुर्दाघरों के चक्कर लगा रहे हैं दिल्ली हिंसा में लापता लोगों के दुखी परिजन, पढ़ें उन्हीं के जुबानी

Highlightsमोहम्मद फिरोज (35) के परिवार की खोज जीटीबी अस्पताल में खत्म नहीं हुई। फिरोज की पत्नी शबाना ने बताया कि काम से लौटते समय उनके पति को पीटा गया था। बिजनौर के मोहम्मद कादिर भी अपने 18 वर्षीय भाई आफताब की तलाश में बुधवार से जीटीबी अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांप्रदायिक दंगों में लापता लोगों के परिजन अपने प्रियजनों के बारे में कोई खबर नहीं मिलने से हताश हैं और हर गुजरते दिन के साथ उनका दुख बढ़ता जा रहा है। वे किसी अनहोनी की आशंका से मुर्दाघरों के चक्कर लगा रहे हैं। बेटे की तलाश कर रहे अफरोज (52) का कहना है कि वह अपने परिवार के सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उसकी लाश नाले में ही मिले, कम से कम मुझे यह तो पता चल जाएगा की वह हमें छोड़कर चला गया है। मेरी बहू और पोती जब उसके बारे में पूछती हैं तो मेरे पास उनके सवालों का कोई जवाब नहीं होता है।’’

दंगों के दौरान लापता हुए गुप्तचर ब्यूरो के कर्मी अंकित शर्मा का क्षत-विक्षत शव चांदबाग के नाले में पड़ा मिला था। मदीना (48) मंगलवार से लापता अपने बेटे को ढूंढ़ रही हैं। थक-हारकर वह जीटीबी अस्पताल के मुर्दाघर में अपने बेटे का शव ढूंढ़ने पहुंचीं।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं कई पुलिस थानों में जा चुकी हूं। उसका कोई पता नहीं चल रहा है। मुझे यह भी नहीं पता कि वह जिंदा भी है या नहीं। अगर वह मरे हुए लोगों में भी हुआ तो कम से कम मैं कोशिश करना छोड़ दूंगी। नहीं तो मुझे हमेशा उम्मीद रहेगी कि वह एक न एक दिन लौट आएगा।’’

बिजनौर के मोहम्मद कादिर भी अपने 18 वर्षीय भाई आफताब की तलाश में बुधवार से जीटीबी अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, "वह उस दिन अपने दोस्तों से मिलने गया था। उसके दोस्तों ने मुझे बताया कि उनपर एक भीड़ ने हमला किया था। बाकी सब भाग गए। उसे बुरी तरह से पीटा गया। कोई नहीं जानता कि उसके साथ क्या हुआ और वह कहां गया। मैंने कई बार पुलिस से संपर्क किया है, लेकिन उन्होंने मुझे हिंसा और आगजनी वाले इलाकों के पुलिस थानों में जाने को कहा। मैंने कोशिश की, लेकिन यह बहुत डरावना है।’’

मोनिस (22) की खोज भी शुक्रवार को जीटीबी अस्पताल के मुर्दाघर में समाप्त हुई। परिवार को अंदर बुलाए जाने के साथ ही मोनिस की मां मुर्दाघर के बाहर बदहवास होकर रोने लगी। परिजनों ने उसके शव की पहचान की। वह 25 फरवरी से लापता था। लेकिन मोहम्मद फिरोज (35) के परिवार की खोज जीटीबी अस्पताल में खत्म नहीं हुई। फिरोज की पत्नी शबाना ने बताया कि काम से लौटते समय उनके पति को पीटा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमले में शायद उनका फोन टूट गया था।

उन्हें एक मुस्लिम परिवार ने बचाकर पनाह दी। उन्होंने 24 फरवरी को मुझे और अपने भतीजे को फोन कर बुलाया। उसके बाद हमारा कोई संपर्क नहीं हो पाया।’’ फिरोज के साथ अपनी अंतिम बातचीत को याद करते हुए शबाना ने कहा, "उन्होंने कहा कि उन्हें पीटा गया है और वह ज्यादा बात नहीं कर सकते क्योंकि फोन की बैटरी खत्म होने वाली है। दंगाइयों ने बिजली के तार क्षतिग्रस्त कर दिए थे, इसलिए वहां बिजली नहीं थी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह शायद हमारी आखिरी बातचीत थी। पता नहीं कब हम फिर से बात करेंगे।'' शबाना को बाद में पता चला कि जिस घर ने फिरोज को पनाह दी थी, उसे जला दिया गया। उन्होंने रुंधे गले से कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि अब वो कहां हैं।’’ परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘शायद फिरोज जिंदा हो। लेकिन उसने कहा था कि वह बुरी तरह से घायल है। वह बहुत कमजोर है, साथ ही उसे तपेदिक भी है। हम उसकी तलाश के लिए लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल भी जाएंगे।’’

हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत, 200 से अधिक घायल

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता अधिनियम को लेकर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। लेकिन लापता लोगों की संख्या अभी तक स्पष्ट नहीं है। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पंप को फूंक दिया और स्थानीय लोगों तथा पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। दंगों में जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा और यमुना विहार के इलाके गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।

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