दिल्ली हिंसाः कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की सराहना की, कहा- घायल लोगों को बचा रही थी
By भाषा | Published: February 26, 2020 04:24 PM2020-02-26T16:24:12+5:302020-02-26T16:24:12+5:30
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति अनूप जे भम्भानी ने हिंसा में गुप्तचर ब्यूरो के अधिकारी के मारे जाने की घटना को ‘‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जारी हिंसा में कम से कम 22 लोग मारे गए हैं और 180 से अधिक घायल हुए हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान घायल लोगों की तुरंत मदद करने के लिए दिल्ली पुलिस की बुधवार को सराहना की।
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति अनूप जे भम्भानी ने हिंसा में गुप्तचर ब्यूरो के अधिकारी के मारे जाने की घटना को ‘‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जारी हिंसा में कम से कम 22 लोग मारे गए हैं और 180 से अधिक घायल हुए हैं।
पीठ ने दिन में सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘मध्य रात जब आदेश दिया जा रहा था तो पुलिस इसे तत्काल वहां क्रियान्वित कर रही थी और घायल लोगों को बचा रही थी।’’ इसने कहा कि जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त, शीर्ष संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को प्रभावित लोगों तक पहुंचना चाहिए और उन्हें आश्वस्त करना चाहिए कि कानून काम कर रहा है।
अदालत ने आधी रात को तब सुनवाई की जब एक वकील ने कहा कि स्थिति गंभीर है और पीड़ितों को एक छोटे से अस्पताल से जीटीबी अस्पताल भेजना मुश्किल है। इस पर अदालत ने आदेश दिया कि पुलिस सरकारी अस्पतालों तक सुरक्षित रास्ता और घायलों के लिए आपातकालीन उपचार सुनिश्चित करे। इसने विशेष सुनवाई की जो रात साढ़े बारह बजे न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के आवास पर शुरू हुई। पीठ ने घायल पीड़ितों और उन्हें उपलब्ध कराए गए उपचार के बारे में जानकारी सहित अनुपालन की स्थिति रिपोर्ट भी मांगी थी।