Delhi University: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने 14 जुलाई को डूसू कार्यालय में एनएसयूआई द्वारा की गए तोडफ़ोड़ मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही इस तोड़फोड़ को करने वाले वर्तमान डूसू उपाध्यक्ष एनएसयूआई के अभि दहिया एवं उनके साथ घटना में शामिल एनएसयूआई गुंडों पर कठोर कार्रवाई करने एवं डूसू उपाध्यक्ष अभी दहिया को पद से हटाने की मांग की एवं इस संदर्भ में दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन सौंपा।
मालूम हो कि 14 जुलाई की सुबह को डूसू अध्यक्ष तुषार डेढ़ा, सचिव अपराजिता एवं सह - सचिव सचिन बैसला के कार्यालय में वर्तमान डूसू उपाध्यक्ष एनएसयूआई के अभि दहिया एवं उनके साथ एनएसयूआई के गुंडों द्वारा तोडफ़ोड़ की गई थी। इस तोडफ़ोड़ में अभी दहिया नेतृत्वित हिसंक भीड़ द्वारा डूसू अध्यक्ष कार्यालय के एसी, वॉटर डिस्पेंसर, टीवी,राम मंदिर की प्रतिमा सहित कार्यालय में उपस्थित अन्य सभी वस्तुओं को तहस - नहस करने का काम किया गया था।
एबीवीपी ने इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय स्थित मॉरिस नगर थाने में दोषियों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराकर दोषियों पर सख़्त से सख़्त कानूनी कार्रवाई करने एवं डूसू उपाध्यक्ष अभी दहिया को पद से हटाने की मांग की थी। एबीवीपी का मानना है कि विश्वविद्यालय परिसर में इस प्रकार की घटना होना पूरे छात्र समुदाय के लिए चिंता का विषय है इसीलिए इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा कि आज दिल्ली विश्वविद्यालय में बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है क्योंकि कल दिल्ली विश्वविद्यालय और उसके छात्रों के लिए एक काला दिन था। जो घटना घटी वह बेहद निंदनीय और शर्मनाक है... मैं बस उपाध्यक्ष से पूछना चाहती हूं कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने उन्हें इसलिए चुना है ताकि वह रात में अपने कार्यालय में शराब पी सकें। अगर वह अपने कार्यकाल की एक भी उपलब्धि गिना दें तो वह एक बड़ी उपलब्धि होगी।
एबीवीपी दिल्ली प्रांत मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि एनएसयूआई की सच्चाई सबके सामने आ गई है। यह छात्र संगठन किस प्रकार से हिंसक गतिविधियों को लगातार बढ़ावा दे रहा है यह भी डूसू कार्यालय के तोड़फोड़ मामले प्रकरण में पूरा स्पष्ट हो गया है।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से एनएसयूआई के नेतृत्व वाले डूसू उपाध्यक्ष ऐसी स्थिति बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां वे परिसर में अवैध वसूली कर सकें, अपने कार्यालय को मौज-मस्ती का अड्डा बना सकें जहां उनके गुंडे शराब पी सकें और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र कोष का दुरुपयोग कर सकें।