सीएम केजरीवाल ने केंद्र को लिखा पत्र, कहा-1922 में अंग्रेज़ों के बनाए 'दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट' में हो बदलाव, जानिए क्या है कारण
By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 16, 2020 13:55 IST2020-10-16T13:55:28+5:302020-10-16T13:55:28+5:30
सीएम केजरीवाल ने कहा कि नए कॉलेजों की स्थापना के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किया जाए। नए कॉलेज खोलने की राह में दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट रोड़ा बन रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है कि कटऑफ इतना ज़्यादा हो रहा है, इसमें सभी सरकारों की गलती है।

1922 में अंग्रेज़ों के बनाए 'दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट' के तहत दिल्ली में जो भी कॉलेज खुलेगा वो सिर्फ DU से एफिलिएट हो सकता है। (photo-ani)
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। सीएम ने कहा कि दिल्ली में ज्यादा कॉलेज-विश्वविद्यालय खोलने और अंग्रेजों के कानून को बदलने की है जरूरत है।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि नए कॉलेजों की स्थापना के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किया जाए। नए कॉलेज खोलने की राह में दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट रोड़ा बन रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है कि कटऑफ इतना ज़्यादा हो रहा है, इसमें सभी सरकारों की गलती है।
ये इसलिए हो रहा है क्योंकि दिल्ली में कॉलेज, यूनिवर्सिटी की बहुत भारी कमी हो गई है। हर साल दिल्ली में करीब 2.5 लाख बच्चे बारहवीं पास करते हैं उनमें से 1.5 लाख बच्चों को दाखिला मिल पाता है। सीएम ने कहा कि दिल्ली में इस समय बहुत सारे कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलने की जरूरत है, दिल्ली सरकार तैयार है। लेकिन हमारे सामने एक बहुत बड़ी कानूनी अड़चन आ रही है।
1922 में अंग्रेज़ों के बनाए 'दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट' के तहत दिल्ली में जो भी कॉलेज खुलेगा वो सिर्फ DU से एफिलिएट हो सकता है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में पिछले 30 सालों में कोई नया कॉलेज नहीं खुला है। आज मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर इस कानून के सेक्शन 5(2) को डिलीट करने की मांग की है। ताकि नए कॉलेज, यूनिवर्सिटी खुल सकें।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में प्रवेश के लिए उच्च कट-ऑफ पर चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करने का अनुरोध किया है ताकि महानगर में और अधिक कॉलेज तथा विश्वविद्यालय स्थापित किए जा सकें।
एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, केजरीवाल ने कहा कि छात्रों को उच्च शिक्षा के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए दिल्ली में और अधिक कॉलेज तथा विश्वविद्यालय खोलने की आवश्यकता है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली में हर साल लगभग 2.5 लाख छात्र 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं और उनमें से केवल 1.25 लाख छात्रों को ही शहर के कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध 91 कॉलेज और संस्थान हैं, जबकि पेशेवर डिग्री प्रदान करने वाले आईपी विश्वविद्यालय में 127 कॉलेज और संस्थान हैं। उन्होंने कहा कि डीयू अधिनियम की धारा 5 (2) के तहत शहर में स्थापित नए कॉलेजों को दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध करना होगा।
केजरीवाल ने दावा किया कि पिछले 30 वर्षों में, डीयू ने किसी भी नए कॉलेज को अपनी संबद्धता नहीं दी है। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से डीयू अधिनियम की धारा 5 (2) में संशोधन करने का अनुरोध किया है, ताकि शहर में और कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थापित किए जा सकें।
इस सप्ताह की शुरुआत में, दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए अपनी पहली कट-ऑफ सूची की घोषणा की थी, जिसमें लेडी श्रीराम कॉलेज के तीन ऑनर्स पाठ्यक्रमों के लिए कट-ऑफ 100 प्रतिशत था। दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 100 प्रतिशत कट-ऑफ पांच साल के अंतराल के बाद आया है।
Why are the admission cut-offs so high in Delhi? It is so because there is a huge lack of colleges & universities in Delhi, while the number of students is increasing. We need many more colleges & universities here: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/jNjF8awtN8
— ANI (@ANI) October 16, 2020

