दिल्ली दंगा : कानून के खिलाफ पैरवी करना अपराध नहीं, उमर खालिद ने अदालत से कहा

By भाषा | Updated: November 29, 2021 21:07 IST2021-11-29T21:07:33+5:302021-11-29T21:07:33+5:30

Delhi riots: lobbying against law is not a crime, Umar Khalid tells court | दिल्ली दंगा : कानून के खिलाफ पैरवी करना अपराध नहीं, उमर खालिद ने अदालत से कहा

दिल्ली दंगा : कानून के खिलाफ पैरवी करना अपराध नहीं, उमर खालिद ने अदालत से कहा

नयी दिल्ली, 29 नवंबर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि सीएए जैसे कानून के खिलाफ पैरवी करना अपराध नहीं है और दावा किया कि पुलिस ने दंगों की साजिश के मामले में गवाहों पर बयान देने के लिए दबाव डाला।

खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने अदालत को यह भी बताया कि संरक्षित गवाहों में से एक गवाह ने एक पुलिस अधिकारी को दंगों की कथित साजिशों के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था और सवाल किया कि अगर पुलिस को इसके बारे में पता था तो उन्होंने दंगा क्यों होने दिया।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और इसका विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में सुनवाई के दौरान वकील ने यह टिप्पणी की।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष खालिद की जमानत के लिए दलीलें देने के दौरान पेस ने चार संरक्षित गवाहों के बयान पढ़े और दावा किया कि वे ‘‘पुलिस द्वारा लिखे गए थे और गवाहों को समर्थन के लिए दिए गए थे।’’

पिछली सुनवाई में खालिद के वकील ने दो अन्य गवाहों के बयान पढ़े थे और आरोप लगाया था कि उन्हें फंसाया गया है। सोमवार की सुनवाई में उन्होंने 23 और 24 जनवरी 2020 को दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक कथित गुप्त बैठक के संबंध में पुलिस के आरोपों में से एक का उल्लेख किया, जिसमें खालिद ने कथित तौर पर निर्देश दिया था कि विरोध को दंगों में बदल दिया जाए।

पिछली सुनवाई में खालिद ने अदालत को बताया कि मामले में गवाहों के बयान किसी और ने लिखे थे और उन्हें दिए गए थे क्योंकि पुलिस के पास कोई सबूत नहीं था।

उमर खालिद और कई अन्य लोगों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया और उन पर राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 के दंगों के ‘‘मास्टरमाइंड’’ होने का आरोप लगाया गया है। दंगों में 53 लोगों की जान गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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Web Title: Delhi riots: lobbying against law is not a crime, Umar Khalid tells court

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