दिवाली से पहले दिल्ली में वायु गुणवत्ता सीजन के सबसे खराब स्तर पर पहुंची, EPCA ने दिए कड़े निर्देश

By भाषा | Published: October 26, 2019 06:09 AM2019-10-26T06:09:04+5:302019-10-26T06:09:04+5:30

दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली जलने से होने वाला प्रदूषण शनिवार को 18 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। इस बीच, उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिकृत पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली और उसके आसपास से शहरों में निर्माण गतिविधियों पर शनिवार से बुधवार तक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक प्रतिबंध रहेगा।

Delhi records season's worst air quality, EPCA l announced stricter steps | दिवाली से पहले दिल्ली में वायु गुणवत्ता सीजन के सबसे खराब स्तर पर पहुंची, EPCA ने दिए कड़े निर्देश

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Highlightsदीपावली से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। हवा की गति धीमी होने की वजह से प्रदूषकों का जमाव आसान हो गया है और इससे प्रदूषण कणों का छितराव नहीं हो सका।

दीपावली से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। हवा की गति धीमी होने की वजह से प्रदूषकों का जमाव आसान हो गया है और इससे प्रदूषण कणों का छितराव नहीं हो सका। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को 315 से 284 के बीच घटता-बढ़ता रहा जबकि बृहस्पतिवार शाम को यह 311 था।

राष्ट्रीय राजधानी के ज्यादातर स्थानों पर एक्यूआई “बहुत खराब” की श्रेणी में दर्ज किया गया जबकि कुछ इलाकों में इसकी स्थिति “गंभीर” की तरफ बढ़ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक नेहरू नगर, अशोक विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी, वजीरपुर, बवाना, मुंडका और आनंद विहार में एक्यूआई क्रमश: 340, 335, 339, 349, 344, 363, 381 और 350 दर्ज किया गया।

पड़ोस के क्षेत्रों - बागपत, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और नोएडा में एक्यूआई क्रमश: 312, 336, 311, 312 और 320 दर्ज किया गया। शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता अनुमान एवं अनुसंधान सेवा- सफर ने बताया, “कुल वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में है। बृहस्पतिवार रात को हवा की गति कम होने के कारण एक्यूआई इतना बिगड़ा।’’ सफर ने बताया कि शनिवार को भी वायु गुणवत्ता खराब रह सकती है। र

विवार को दिवाली के लिए अपने पूर्वानुमान पर सफर ने कहा कि पटाखे जलाने का सबसे ज्यादा असर सोमवार को सुबह 1-6 बजे तक रहने की संभावना है। पराली जलाने का असर मध्यम रहेगा और अगर पटाखे जलाने के कारण कोई अतिरिक्त प्रदूषण नहीं हुआ तो रविवार और सोमवार को वायु गुणवत्ता मध्यम से बहुत खराब श्रेणी में रहेगी। सफर ने कहा, ‘‘हालांकि अगर पटाखे जलाने से होने वाले प्रदूषण का 50 प्रतिशत भी होता है एक्यूआई कम अवधि के लिए गंभीर श्रेणी में भी जा सकता है।’’

दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली जलने से होने वाला प्रदूषण शनिवार को 18 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। इस बीच, उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिकृत पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली और उसके आसपास से शहरों में निर्माण गतिविधियों पर शनिवार से बुधवार तक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक प्रतिबंध रहेगा।

दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने इस अवधि के दौरान फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत और बहादुरगढ़ में बिजली संयंत्रों को छोड़कर कोयला आधारित उद्योग बंद रखने के निर्देश दिए हैं। यह प्रतिबंध सीपीसीबी के सदस्य सचिव प्रशांत गरगावा के नेतृत्व वाले दस सदस्यीय प्रदूषण रोधी कार्य बल की सिफारिशों पर लगाया गया है। 

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