नई दिल्ली: नागरिकता कानून संसोधन (CAA) के खिलाफ झूठ फैलान के आरोप में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्य को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पीएफआई के सदस्य दानिश को गिरफ्तार किया। हालांकि इस मामले में पीएफआई के पहले कई सदस्यों को हिरासत और गिरफ्तार किया जा चुका है।
दानिश अली पर सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान दिल्ली में हुए हिंसा में लोगों को भड़काने और झूठ फैलाने का आरोप भी है। इस मामले को लेकर पुलिस पूछताछ करेगी। इस बीच दानिश की मां ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे फंसाया जा रहा है।
सामाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दानिश की मां ने कहा कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया। उसने सिर्फ समाज के लिए काम किया है, पुलिस उसे फंसा रही है। बताते चलें कि पीएफआई ने कई बार देश में सीएए के खिलाफ किसी भी विरोध प्रदर्शन के साथ कोई संबंध होने से इनकार कर चुका है। केरल स्थित संगठन के आधा दर्जन पदाधिकारियों से ईडी अब तक पूछताछ कर चुकी है।
क्या है नागिकता संधोशन कानून (CAA)
नागरिकता संशोधन अधिनियम के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा में कई लोगों पर की मौत
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में हुई मौतों का आंकड़ा गुरुवार (5 मार्च) तक 44 पर पहुंचा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी। हालांकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि हिंसा में 53 मौतें हुई। इसी बीच इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में हुईं तीन मौतें और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई पांच मौतों का संबंध हिंसा से है या नहीं।
बता दें कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में पिछले हफ्ते हुए दंगों के सिलसिले में उसने 600 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने एक वक्तव्य में कहा कि 683 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 48 शस्त्र कानून से संबंधित हैं।