दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदू देवी पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर ट्विटर को लिया आड़े हाथों, कहा- 'जब डोनाल्ड ट्रम्प का अकाउंट सस्पेंड हो सकता है तो इस मामले एक्शन क्यों नहीं लिया'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 28, 2022 22:49 IST2022-03-28T22:42:46+5:302022-03-28T22:49:42+5:30

दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने ट्विटर पर हिंदू देवी के विषय में किये गये आपत्तिजनक पोस्ट को हटाने के संबंध में कहा कि हमें देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ट्विटर केवल तभी कठोर फैसले लेता है जब उसे लगता है कि उसकी साइट्स पर डाली गई पोस्ट या सूचना आपत्तिजनक या संवेदनशील है।

Delhi High Court slams Twitter for objectionable post on Hindu Goddess, saying- 'When Donald Trump's account can be suspended, why not take action in this matter' | दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदू देवी पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर ट्विटर को लिया आड़े हाथों, कहा- 'जब डोनाल्ड ट्रम्प का अकाउंट सस्पेंड हो सकता है तो इस मामले एक्शन क्यों नहीं लिया'

दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदू देवी पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर ट्विटर को लिया आड़े हाथों, कहा- 'जब डोनाल्ड ट्रम्प का अकाउंट सस्पेंड हो सकता है तो इस मामले एक्शन क्यों नहीं लिया'

Highlightsकोर्ट ने ट्विटर से आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करने वाले अकाउंट को ब्लॉक करने की प्रक्रिया बताने को कहाकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया आरोप है कि @AtheistRepublic के ट्विटर हैंडल से देवी काली के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डाली गई

दिल्ली: माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर द्वारा हिंदू देवी के बारे में आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वाले अकाउंट को ब्लॉक नहीं किये जाने के संबंध में नाराजगी व्यक्त करते हुए सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि जब ट्विटर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का अकाउंट सस्पेंड कर सकता है तो वह इस मामले में कोई एक्शन क्यों नहीं ले रहा है।

मामले में सुनवाई कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने कहा कि हमें देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ट्विटर केवल तभी कठोर फैसले लेता है जब उसे लगता है कि उसकी साइट्स पर डाली गई पोस्ट या सूचना संवेदनशील है।

कोर्ट ने इस संबंध में ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म पर किसी अकाउंट को स्थायी रूप से ब्लॉक करने की अपनी नीति की व्याख्या करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।

आदित्य सिंह देशवाल बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले में सुनवाई करते हुए दोनों जजों की बेंच ने कहा कि किसी भी यूजर को ब्लॉक करने के लिए आप (ट्विटर) विषय या पोस्ट की संवेदनशीलता स्वयं तय करते हैं लेकिन आपके प्लेटफॉर्म पर यदि कोई अन्य या जातियों या फिर धर्म के लोग आपत्तिजनक पोस्ट की शिकायत करते हैं तो आप उसकी गंभीरता को नजरअंदाज करते हैं।

कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी आदेश दिया कि वह भी इस संबंध में एक जवाबी हलफनामा दायर करे। इसके साथ कोर्ट ने कहा कि ट्विटर पर किसी विवादास्पद अकाउंट या पोस्ट तक पहुंचने और उसे ब्लॉक करने के लिए ट्विटर के स्टैंडर्ड प्रॉसेस को भी रिकॉर्ड करने का आदेश दिया। मामले में अगली सुनवाई 6 सितम्बर को होगी।

मालूम हो कि बीते अक्टूबर महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर को आदेश दिया था कि वो अपने प्लेटफॉर्म से हिंदू देवी से संबंधित आपत्तिजनक पोस्ट को तुरंत हटा दे।

उसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि मीडिया प्लेटफार्म को जन-भावनाओं का का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वो इन्हीं आम लोगों के कारण अपना व्यापार कर रहे हैं।

याचिकाकर्ता आदित्य सिंह देसवाल ने हाईकोर्ट में @AtheistRepublic नाम के एक ट्विटर यूजर के हैंडल से देवी काली के बारे में कुछ बेहद आपत्तिजनक पोस्ट का हवाला देते हुए उसे फौरन ट्विटर से हटाने की मांग की थी।

लेकिन इस मामले में ट्विटर ने यह कहते हुए @AtheistRepublic के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया कि पोस्ट की गई सामग्री संवेदनशील श्रेणी में नहीं आती है, जिसके तहत यूरज के खिलाफ कार्रवाई की जाए और पोस्ट को हटाया जाए। 

Web Title: Delhi High Court slams Twitter for objectionable post on Hindu Goddess, saying- 'When Donald Trump's account can be suspended, why not take action in this matter'

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