VK Saxena On Delhi Goverment: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में जल संकट पर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ में दिल्ली में पानी का संकट देखने को मिल रहा है और हम दिल्ली में जल संकट के प्रति दिल्ली सरकार का गैरजिम्मेदाराना रवैया भी देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज की स्थिति यह है कि दिल्ली में लोग पानी के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर टैंकरों के पीछे भागते नजर आ रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा दूसरे राज्यों पर फोड़ रही है। दिल्ली में 24 घंटे पानी की आपूर्ति का मुख्यमंत्री का वादा अब तक छलावा साबित हुआ है।
दोनों राज्य अपने कोटे का पानी दे रहे हैं
वीके सक्सेना ने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश लगातार दिल्ली को अपने तय कोटे के तहत पानी दे रहे हैं। इसके बावजूद आज दिल्ली में पानी की भारी किल्लत का सबसे बड़ा कारण यह है कि उत्पादित पानी का 54 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल नहीं हो पाता। पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों के कारण आपूर्ति के दौरान 40 फीसदी पानी बर्बाद हो जाता है।
पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन पुरानी पाइपलाइनों की मरम्मत या बदलाव नहीं किया जा सका और न ही पर्याप्त पाइप बिछाए गए। यह पानी टैंकर माफिया द्वारा चुराकर गरीबों को बेचा जाता है।
यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ दिल्ली के अमीर इलाकों में औसतन 1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 550 लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है, जबकि दूसरी ओर गांवों और मलिन बस्तियों में प्रति व्यक्ति औसतन केवल पंद्रह लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है।
मालूम हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल संकट पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। केजरीवाल ने बीजेपी से भी अपील की। केजरीवाल ने कहा कि एक महीने के लिए हमें यूपी-हरियाणा से पानी दिया जाए।