नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार (19 जून) को आदेश दिया कि घर पर पृथक-वास के तहत कोविड-19 के हरेक मरीजों के लिए पांच दिन संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र में रहना जरूरी होगा। आप सरकार ने इस फैसले को 'मनमाना' बताते हुए कहा है कि इससे राष्ट्रीय राजधानी को नुकसान होगा। अपने आदेश में उपराज्यपाल ने कहा कि पांच दिन संस्थागत पृथक-वास में रहने के बाद कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर पृथक-वास के लिए भेज दिया जाएगा।
बैजल ने अपने आदेश में कहा, होम क्वारंटाइन के तहत प्रत्येक मामले में पांच दिन संस्थागत पृथक-वास में रहना अनिवार्य होगा। इसके बाद बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर क्वारंटाइन के लिए भेज दिया जाएगा। लक्षण वाले मरीजों को जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
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दिल्ली सरकार ने कहा कि घर पर पृथक-वास को लेकर उपराज्यपाल का फैसला मनमाना है और इससे दिल्ली को नुकसान होगा। एक बयान में दिल्ली सरकार ने कहा कि घर पर पृथक-वास का कार्यक्रम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे सफल अभियान है। बयान में कहा गया कि पहले से ही यहां पर कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए डॉक्टरों, नर्सों की भारी कमी है। कर्मियों की दिक्कत है, संक्रमण के बिना लक्षण वाले हजारों लोगों को रखने के लिए बड़े स्तर पर पृथक-वास केंद्र की जरूरत होगी।
सरकार के मुताबिक, दिल्ली में घर पर पृथक-वास में कोविड-19 के करीब 8,500 मरीज हैं । ये सभी ऐसे मरीज हैं जिनमें संक्रमण के किसी तरह के लक्षण नहीं मिले या मामूली लक्षण मिले।
दिल्ली में कोविड-19 के 3,137 नए मामले सामने आए, संक्रमितों की संख्या बढ़कर 53 हजार के पार हुई
राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार एक ही दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 53 हजार के पार चली गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में शुक्रवार को 3,137 नए मामलों के साथ ही संक्रमितों की संख्या 53,116 तक पहुंच गई।
इसमें कहा गया है कि वहीं, पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 66 मरीज की मौत के साथ ही मृतकों का आंकड़ा 2,035 तक जा पहुंचा। इस बीच, आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में मरीजों के स्वस्थ होने की दर में भी सुधार हुआ है और 18 जून को यह दर 42.69 फीसदी रही। इससे पहले 13 दिन तक 40 फीसदी से नीचे ही रही थी। मामलों में वृद्धि होने के बीच दो सप्ताह में पहली बार कोविड-19 के मरीजों के स्वस्थ होने की दर 40 फीसदी के पार गई है।